खतरे के निशान के ऊपर पहुंची सरयू, गांवों में घुसा पानी
सरयू नदी के लाल निशान पार करने से बस्ती जनपद के तीन दर्जन गांवों में बाढ का पानी घुस गया है।
गोरखपुर : बस्ती जनपद के दक्षिणांचल में सरयू नदी भयावह रूप लेती जा रही है। शनिवार को यह नदी खतरे के निशान से 65 सेमी ऊपर पहुंच गई इससे निकटवर्ती गांवों में नदी का पानी घुसना शुरू हो गया है। ग्रामीणों को बाढ़ विभीषिका की काली छाया दिखाई पड़ने लगी है। विक्रमजोत क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के 27 गांवों में स्थित बदतर होती जा रही है। आबादी वाले आधा दर्जन गांवों में पानी घुस चुका है। ग्रामीण दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बाढ़ के पानी में जान जोखिम में डालकर घर से निकल रहे हैं। पिछले दो महीने से लगातार नदी का जलस्तर घटने और बढ़ने से नदी की कटान तेज हो गई है। बांध विहीन गांवों में खौफ व्याप्त है । शुक्रवार को सरयू नदी का जलस्तर 93.380 मीटर रहा। यह खतरे के निशान 92.730 से 65 सेमी अधिक है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार नदी अभी स्थिर है। ब्लाक क्षेत्र के 27 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इसमें 6 गांव कल्यानपुर, भरथापुर, लकड़ी दूबे, पड़ाव, रानीपुर कठवनिया, सहजौरा पाठक में पानी घुस गया है। शेष 21 गांव लमती, केशवपुर, रामनगर, बाघानाला, भदोई, फूलडीह, चानपुर, संदलपुर, कवलपुर, छतौना, कन्हईपुर, खेमराजपुर, पूरेचेतन, पकड़ी सूर्यवंश, माझा किता अव्वल, मणनामाझा, मल्हनी, मुनियावां, जोगापुर, रिधौरा, माचा, हैदराबाद आदि गांवों के खेतों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। अब लोगों को आबादी क्षेत्र में पानी घुसने का डर सता रहा है। जलस्तर बढ़ऩे से तटबंध और ¨रगबांध बढ़ा खतरा
सरयू का जलस्तर बढ़ने से दुबौलिया ब्लाक के 10 गांव में पानी घुसने लगा है। कुछ गांव मैरुंड हो गए हैं। टकटवा, किसुनपुर और मोजपुर ¨रगबांध पर खतरा बढ़ गया है। कटरिया चांदपुर तटबंध और नदी के बीच बसे गांव खजांचीपुर, विसुनदास पुर का पुरवा, अशोकपुर के पुरवे, मोजपुर का एक घर, एहतमाली, पहाड़वापुर, बरदिया लोहार, देवारागंगरार आदि गांव में पानी घुसने लगा है। सुबिखाबाबू और टकटवा सहित कई गांव पानी से घिर गए हैं। ग्रामीणों को बाहर निकलने के लिए नदी का सहारा लेना पड़ रहा है। चांदपुर गांव के पास बने ठोकर के पूर्वी हिस्से पर बने बोरियों के बेस को बैकरो¨लग से नदी लगातार काट रही है । यहां बाढ़ खंड अधिकारी मौके पर रहकर कार्य करवा रहे हैं। अधिसासी अभियंता दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि तटबंध बचाने के लिए सभी लोग लगे है। जलस्तर बढ़ने से तटबंध पर खतरा बढ गया है।
उधर, विशेषरगंज क्षेत्र में सरयू के बाढ़ का पानी बगल के कई गांवों में फैल रहा है। सरवरपुर, पाहीमाफी, पूरे मोतीराम, बानेपुर, बरदिया लोहार के पुरवा से नदी बिल्कुल सटकर बहने लगी है। सैकड़ों एकड़ खेत व फसल नदी की धारा में विलय हो चुकी है। ग्रामीणों के सिर पर हरहराती नदी रात कि नींद उड़ा दी है। पूरे मोतीराम व बानेपुर के बीच बने ठोकर के पास तेजी से हो रही कटान से लोग दहशत में हैं।