लाल निशान के ऊपर पहुंची सरयू, बस्ती में बाढ़ का खतरा गहराया
बस्ती में सरयू फिर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है। कई बंधों पर पानी का दबाव बढ़ने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
गोरखपुर : बस्ती में सरयू नदी तबाही मचाने को आतुर है। माझा के नाम चर्चित जनपद के दक्षिणांचल हिस्से पर बाढ़ के विभीषिका की काली छाया मंडराने लगी है। सरयू की उफनाती लहरें माझावासियों को रोज दहला रही हैं। तटबंध से लेकर गांव तक तेजी से कटान हो रही है। जमीन दरक जा रही है। नदी का क्षेत्रफल बढ़ता जा रहा है। भूखंड को काटकर नदी की धारा प्रवाहित होने लग रही है। ग्रामीण दहशत के साए में हैं। बाढ़ नियंत्रण के सभी इंतजाम नाकाफी है। जिम्मेदार भी तमाशबीन की भूमिका में है।
नदी की धारा बेकाबू होकर कटान कर रही हैं और जिम्मेदार ईट के रोड़े गिराकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। यहीं पहले हुआ होता तो शायद नदी की धारा नियंत्रित रहती है। सरयू अभी भी खतरे के निशान 92.73 मीटर से 50 सेमी ऊपर बह रही है। मंगलवार की तुलना में बुधवार को नदी का जलस्तर 2 सेमी कम आंका गया है। जानकार बता रहे हैं कि जलस्तर अब तेजी से घटेगा। इसके चलते कटरिया चांदपुर तटबंध पर दबाव बढ़ गया है। दुबौलिया मे कटरिया चांदपुर तटबंध और नदी के बीच बसे गांव खजांची पुर, विसुनदास पुर का पुरवा, अशोकपुर के पुरवे, दिलासपुर, मोजपुर का एक घर, एहतमाली, पहाड़वापुर, बरदिया लोहार, देवारागंगबरार आदि गांवों में पानी भरा है। सुबिखाबाबू और टेड़वा भी पानी से घिरे हुए हैं। यहां माह भर से ग्रामीण नाव का सहारा ले रहे हें। बच्चों की पढ़ाई बंद है तो पशुओं के चारे का संकट पैदा हो गया है। दोपहर बाद एक बजे चांदपुर गांव के पास बने ठोकर नंबर तीन पर पानी के तेज बहाव के चलते सौ मीटर ठोकर तटबंध से लेकर नोज तक पूर्वी हिस्सा बह गया। तटबंध का 20 मीटर स्लोप भी कट गया। देखते ही देखते तटबंध के किनारे स्थित जामुन का पुराना विशाल पेड़ नदी में समा गया। भीड़ भी बंधे पर पहुंचने लगी। दुबौलिया पुलिस भी मौके पर पहुंची। एसडीएम एसपी शुक्ल, तहसीलदार मो. जसीम व अधिशासी अभियंता डीके त्रिपाठी भी कुछ देर के बाद आ गए। मरम्मत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।