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जानें-गोरखपुर में देश भर से आए सिद्धसंतों ने किसके बारे में क्‍या कहा Gorakhpur News

गोरखनाथ मंदिर में देश भर से आए सिद्ध संतों और धर्माचार्यों ने देश समाज के बारे में अपनी जानकारी दी। साथ ही कई मामलों पर विदेश के बारे में भी बयान दिया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 07:33 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 09:31 PM (IST)
जानें-गोरखपुर में देश भर से आए सिद्धसंतों ने किसके बारे में क्‍या कहा Gorakhpur News
जानें-गोरखपुर में देश भर से आए सिद्धसंतों ने किसके बारे में क्‍या कहा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ की सात दिवसीय जयंती-पुण्यतिथि समारोह का बुधवार को समारोहपूर्वक समापन हुआ। गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में अंतिम दिन सभा आयोजित कर ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को श्रद्धांजलि दी गई, जिसमें देश भर के सिद्ध संतों और महंतों के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मौजूद भी रहे।

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मुख्‍यमंत्री ने कहा-अपने आश्रमों में गोशाला भी बनाएं संत

सभा की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सांस्कृतिक भारत की प्रतिष्ठा को फिर से स्थापित करने का युग शुरू हो चुका है। लेकिन इसके लिए देश की जनता को आगे आना होगा। हर जनोपयोगी अभियान को जनांदोलन बनाना होगा। गो-संरक्षण, गो-संवर्धन और प्लास्टिक का प्रयोग न करने का मंच से आह्वान करते हुए योगी ने इसे लेकर संत समाज से भी आगे आने की अपील की। उन्होंने संतों का आह्वान किया कि वह इसे अपने प्रवचन का हिस्सा बनाएं और अपने आश्रमों में अनिवार्य रूप से एक गोशाला बनाएं ताकि गो-सवंर्धन और संरक्षण सुनिश्चित हो सके।

संस्कृत को पुरोहितों की भाषा के दायरे से निकालें

योगी ने संतों से यह भी आग्रह किया संस्कृत को पुरोहितों की भाषा के दायरे से निकाल कर जन सामान्य की भाषा बनाने की दिशा में प्रयास करें। भारत की ऋषि और कृषि परंपरा के परंपरागत स्वरूप को कायम रखने के लिए उन्होंने पालीथिन के निषेध की पुरजोर अपील की। योगी ने दिग्विजयनाथ और अवेद्यनाथ  की ओर शुरू किए गए लोककल्याणकारी कार्यों की चर्चा की और इसे लेकर भी आगे आने के लिए संतों और महंतों का आह्वान किया।

स्वामी वासुदेवाचार्य ने कहा-धर्म और राजनीति का अटूट हिस्‍सा का प्रतीक हैं योगी

स्वामी वासुदेवाचार्य ने कहा कि राजनीति और धर्म का अटूट रिश्ता है। धर्म के साथ मिलकर ही राजनीति लोक कल्याण के लिए समर्पित होती है। महंत अवेद्यनाथ और योगी आदित्यनाथ इसके प्रतीक है। उन्होंने भी रामजन्मभूमि और महंत अवेद्यनाथ से जुड़े अपने संस्मरणों को साझा किया। अलवर राजस्थान के सांसद संत बालकनाथ ने कहा कि महंत अवेद्यनाथ जीवन जीने की कला सिखाते थे। दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने कहा कि महंत अवेद्यनाथ कुशल राजनीतिक, सामाजिक समरसता के ध्वजवाहक और रूढि़वादिता के विरूद्ध संघर्ष करने वाले सन्त थे। आरएसएस के प्रांत प्रचारक सुभाष ने कहा कि वह पांथिक परंपराओं से ऊपर राष्ट्रधर्म के सच्चे आराधक थे। कार्यक्रम को ब्रह्मचारी दास लाल, स्वामी विद्या चैतन्य, महंत शिवनाथ, महंत गंगादास, सुरेंद्र नाथ ने भी संबोधित किया। स्वागत प्रो. यूपी सिंह और संचालन डॉ. श्रीभगवान सिंह ने किया।

प्रवचन ही नहीं करती, शौर्य भी दिखाती है गोरक्ष पीठ : धर्मेंद्र प्रधान

श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने आधुनिक भारत को सामाजिक सरसता का संस्कार दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उस संस्कार को आगे बढ़ा रहे हैं। उज्ज्वल योजना के लिए योगी आदित्यनाथ से मिली प्रेरणा का जिक्र करते हुए उन्होंने उड़ीसा में किसानों के भूमि अधिग्रहण को लेकर उस संस्मरण को सुनाया, जिसमें उन्होंने योगी को आमंत्रित किया था। धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि उन दिनों के छोटे से मंदिर में दलितों के प्रवेश को लेकर विवाद चल रहा था, जिसे लेकर योगी जी ने कहा कि इसे ठीक करना होगा। इससे समाज कमजोर होगा और जब समाज कमजोर होगा तो वह राष्ट्र की प्रगति में बाधा बनेगा। योगी का यह संस्कार महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ से विरासत में मिला हैं। उन्होंने कहा कि यह पीठ केवल प्रवचन ही नहीं करती बल्कि शौर्य भी दिखाती है। बायो फ्यूल प्लांट के शिलान्यास का जिक्र करते हुए पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि पर एक नया अध्याय जुड़ रहा है।

उमा भारती ने कहा-राम, गंगा और तिरंगा को जीवन किया समर्पित

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने महंत अवेद्यनाथ से जुड़े संस्मरणों को याद करते हुए कहा कि उनके बताए मार्ग पर चलते हुए ही उन्होंने राम, गंगा और तिरंगा को अपना जीवन समर्पित कर दिया है। संबोधन के क्रम में उन्होंने बताया कि वह महंत अवेद्यनाथ से दीक्षा लेना चाहती थीं, जिसके लिए उन्होंने नाथ पंथ में स्त्रियों के प्रवेश को लेकर उनसे जानकारी भी हासिल की थी।

नृत्य गोपाल दास ने कहा-संतों के सर्वमान्य धर्म नेता थे महंत अवेद्यनाथ

श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और मणिराम छावनी अयोध्या के महन्त नृत्यगोपालदास ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने सनातन धर्म, हिन्दुत्व, सामाजिक समरसता, रामजन्मभूमि मुक्ति और पूर्वांचल के शैक्षिक प्रगति को नया आयाम दिया। यही वजह थी कि वह सभी संतों के सर्वमान्य धर्म नेता थे। ऐसे में योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व का संरक्षण विरासत में मिला है।

वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा- सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे अवेद्यनाथ

शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने महंत अवेद्यनाथ को भारतीय संस्कृति का पोषक, ङ्क्षहदू चिंतक और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व सामाजिक समरसता का अग्रदूत बताया। उन्होंने कहा कि अवेद्यनाथ ने ऐसे भारत का सपना देखा, जिसमें राष्ट्रवाद, सामाजिक समरसता, ङ्क्षहदुत्व और विकास दिखाई दे। उन्होंने मंच से संस्कृत के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्य तेज करने की मुख्यमंत्री से अपील की।

राम विलास वेदांती ने कहा-अब पीओके पर भी होगा भारत का कब्जा 

पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती ने रामजन्मभूमि आंदोलन में महंत अवेद्यनाथ के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि जिस तरह से कश्मीर से अनु. 370 व 35ए हटा है, उसी तरह से बहुत जल्द रामजन्मभूमि पर राम मंदिर के निर्माण का कार्य भी जल्द शुरू होगा। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द पाक अधिकृत कश्मीर पर भी भारत का कब्जा होगा।


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