प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनने पहुंचे साधु-संत, जनसभा में नहीं पहुंच सके काला कपड़ा पहने लोग
सिद्धार्थनगर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। जनसभा के दौरान पूरे क्षेत्र की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की गई। कुल 36 कैमरे लगाए गए थे। निगरानी करने के लिए छह कंट्रोल रूम बनाए गए थे।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सिद्धार्थनगर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। जनसभा के दौरान पूरे क्षेत्र की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की गई। कुल 36 कैमरे लगाए गए थे। निगरानी करने के लिए छह कंट्रोल रूम बनाए गए थे। नियम का पालन नहीं करने वालों को बैरंग वापस कर दिया गया। कुछ लोग काला कपडा पहनकर जनसभा में आए थे। सुरक्षा जांच के दौरान उन्हें भी वापस कर दिया गया।
साधुओं के झाले की हुई सघन जांच
प्रधानमंत्री को सुनने साधु-संत भी जनसभा में आए थे। कड़ी सुरक्षा चेकिंग के बीच से इन्हें गुजरना पड़ा। इनके झोले की सघन जांच करने के बाद पुलिस ने इसे जमा कराया। लेकिन जिन्होंने नहीं जमा किया उन्हें वापस कर दिया गया। वहीं काला शर्ट पहनकर आने वालों को भी पुलिस ने बाहर से ही वापस भेज दिया।
पीएम ने पूरा किया राम मंदिर बनवाने का संकल्प
जनसभा स्थल पर बिना चेकिंग के किसी को भी अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। कार्यक्रम में चिल्हिया थाना क्षेत्र के मुड़िला वैद्य गांव निवासी साधू झिन्नू लाल प्रजापति व डुमरियागंज के चौखड़ा कुनगाई गांव निवासी भजमन दास भी आए थे। इनके पास एक झोला था। पुलिस ने जांच करने के बाद इसे जमा करने के लिए कहा, लेकिन वह इसे साथ ले जाने पर अड़े रहे। पुलिस ने इन्हें वापस कर दिया। इन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राममंदिर के निर्माण कराने का वादा पूरा किया है। इन्हें सुनने के लिए आया था। अब सड़क पर बैठ कर सुनेंगे।
काली शर्ट पहने युवाओं के जत्थे को किया गया वापस
वहीं सुबह करीब दस बजे दस युवाओं का जत्था काली शर्ट पहन कर पहुंचा। गेट पर चेकिंग कर रहे कर्मियों ने नियम का हवाला देते हुए इन्हें वापस कर दिया। हालांकि जत्थे में शामिल युवा काफी देर तक सुरक्षाकर्मियों से बहस भी किए लेकिन उनकी एक नहीं चली। सुरक्षाकर्मियों ने सख्ती दिखाते हुए युवकों के उस जत्थे को वापस कर दिया।