गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सहजनवां थानाक्षेत्र के मकरहट स्थित राम जानकी मन्दिर के साधु का शव सुबह परिसर में मिला। शरीर पर चोट के निशान होने की वजह से हत्या की आशंका जताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट होगी।
20 साल से मंदिर में रहकर पूजा करते थे साधु बाबा
चिलुुआताल थाना क्षेत्र के निरपुर दूबी निवासी रजिन्दर यादव उर्फ साधु बाबा पाली क्षेत्र के मकरहट स्थित राम जानकी मंदिर पर 20 साल से रहकर पूजा करते थे। सुबह ग्रामीणों ने देखा वह मंदिर परिसर में अचेत अवस्था में पड़े हैं। गांव के लोग अस्पताल ले गए तो डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। साधु के गले, चेहरे व हाथ पर चोट के निशान थे। गांव के लोगों ने पुलिस को बताया कि साधु लंबे समय से बीमार थे। संतकबीरनगर जिले के अनूप सेवा संस्थान से उनकी दवा चल रही थी।
कहीं संपत्ति विवाद का मामला तो नहीं
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर के नाम से चार एकड़ जमीन व बाग है। कुछ वर्ष पहले साधु की पत्नी व बेटे की मौत हो गयी थी। संपत्ति के लिए उनकी हत्या की गई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की वजह स्पष्ट होगी।
फंदे से लटकता युवक का शव मिला
कैंपियरगंज के खड़खडिय़ा गांव में मंदिर के पास स्थित बाग में पन्नेलाल का आम के पेड़ में फंदे से लटकता शव मिला है। परिवार के लोग इसे खुदकुशी का मामला बता रहे हैं, लेकिन वे इसकी कोई वजह नहीं बता पा रहे हैं। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचने की बात कही है। खड़खडिय़ा गांव के ही गुडिय़ान टोला निवासी गिरधारी निषाद के पुत्र पन्नेलाल, पत्नी व बच्चों के साथ गोरखपुर में रहकर मजदूरी करते थे। सप्ताह में एक-दो दिन के लिए गांव जाते थे। वह गांव आए हुए थे। सुबह गांव के चौराहे पर चाय पीने के बाद मंदिर की तरफ चले गए। दिन में 11 बजे के आसपास बाग में बकरी चराने पहुंचे बच्चों ने पेड़ में बंधे गमछे से लटकता शव देखकर शोर मचाया। तब जाकर उनके परिवार और गांव के लोगों को उनकी मौत की जानकारी हुई।
संदिग्ध हाल में युवक की मौत
पिपराइच क्षेत्र के जंगल धूसड़ के हैदरगंज टोला निवासी मनोज कन्नौजिया की संदिग्ध हाल में मौत हो गई है। सुबह घर की छत पर उनका शव मिला। जहरीला पदार्थ खाकर उनके खुदकुशी करने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कोई निष्कर्ष निकालने की बात कही है। मनोज कन्नौजिया दिव्यांग थे। घर पर वह मां व भाभी के साथ रहते थे। उनके दो भाई बाहर रहकर कमाते हैं। परिवार के लोगों के मुताबिक गुरुवार की रात में खाना खाने के बाद वह छत पर सोने चले गए। सुबह काफी देर तक नीचे नहीं उतरे तो उनकी मां इसकी वजह जानने के लिए छत पर गईं। तब जाकर उनकी मौत का पता चला।