अब पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाएगा संघ, एक महीने तक चलेगा अभियान Gorakhpur News
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पौधरोपण कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी की है। इसके लिए प्रभारी की नियुक्ति भी शुरू हो गई है।
By Edited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 11:58 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ 'आरएसएस' ने पर्यावरण संरक्षण के लिए देशव्यापी अलख जगाने की योजना बनाई है। इस क्रम में शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर संघ के स्वयंसेवक एक से 31 अगस्त तक पौधरोपण अभियान चलाने जा रहे हैं। नेतृत्व की ओर से प्रत्येक शाखा को कम से कम 30 पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है। इस हिसाब से एक महीने तक चलने वाले इस अभियान के तहत गोरक्ष प्रांत में कुल 51 हजार पौधे लगाए जाएंगे।
मार्च में ही बनी थी भूमिका संघ के इस अभियान की भूमिका मार्च महीने में ही बन गई थी जब 8 से 10 मार्च के बीच ग्वालियर में होने वाली प्रतिनिधि सभा में इसपर जोर दिया गया था और बरसात में इसके कार्यान्वयन पर सहमति बनी थी। इसी क्रम में संघ के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से सभी प्रांतों के लिए पौधरोपण का लक्षित निर्देश मिला है। बनेंगे पर्यावरण प्रमुख गोरक्ष प्रांत के स्वयंसेवकों ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है। प्रचार प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी के मुताबिक गोरक्ष प्रांत में प्रशासनिक रूप में गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ मंडल के 10 जिले आते हैं, जिसमें संघ के मानक के अनुसार 21 जिले शामिल हैं। इन 21 जिलों में कुल 1700 शाखाएं हैं।
अभियान को सफल बनाने के लिए सभी 21 जिलों में पर्यावरण प्रमुख बनाए जाएंगे, जिनकी निर्देशन में पौधरोपण का कार्य सकुशल सम्पन्न होगा। पर्यावरण प्रमुख के लिए उपयुक्त स्वयंसेवक के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। तिहरा फायदा देने वाले पौधों का होगा रोपण संघ की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान में इस बात का ध्यान दिया जाएगा कि ऐसे पौधे लगाए जाएं, जो तिहरा फायदा दें। वह पौधे बड़े होकर छाया के साथ-साथ फल भी प्रदान करें। इसके अलावा उनकी गिनती सर्वाधिक आक्सीजन उत्सर्जित करने वाले वृक्षों में की जाती हो।
जन सहभागिता से बचाएंगे पौधा : उपेंद्र
पौधरोपण के बाद उनके संरक्षण के लिए संघ जन सहभागिता का रास्ता अपनाएगा। प्रचार प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि जिस क्षेत्र में पौधे लगाए जाएंगे, वहां आसपास बसे लोगों से यह अनुरोध किया जाएगा कि वह तबतक पौधों की देखरेख करें, जबतक वह वृक्ष का रूप न ले ले। पौधरोपण के दौरान भी उनका सहयोग लिया जाएगा, जिससे वह अभियान से हृदय से जुड़ सकें।
मार्च में ही बनी थी भूमिका संघ के इस अभियान की भूमिका मार्च महीने में ही बन गई थी जब 8 से 10 मार्च के बीच ग्वालियर में होने वाली प्रतिनिधि सभा में इसपर जोर दिया गया था और बरसात में इसके कार्यान्वयन पर सहमति बनी थी। इसी क्रम में संघ के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से सभी प्रांतों के लिए पौधरोपण का लक्षित निर्देश मिला है। बनेंगे पर्यावरण प्रमुख गोरक्ष प्रांत के स्वयंसेवकों ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है। प्रचार प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी के मुताबिक गोरक्ष प्रांत में प्रशासनिक रूप में गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ मंडल के 10 जिले आते हैं, जिसमें संघ के मानक के अनुसार 21 जिले शामिल हैं। इन 21 जिलों में कुल 1700 शाखाएं हैं।
अभियान को सफल बनाने के लिए सभी 21 जिलों में पर्यावरण प्रमुख बनाए जाएंगे, जिनकी निर्देशन में पौधरोपण का कार्य सकुशल सम्पन्न होगा। पर्यावरण प्रमुख के लिए उपयुक्त स्वयंसेवक के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। तिहरा फायदा देने वाले पौधों का होगा रोपण संघ की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान में इस बात का ध्यान दिया जाएगा कि ऐसे पौधे लगाए जाएं, जो तिहरा फायदा दें। वह पौधे बड़े होकर छाया के साथ-साथ फल भी प्रदान करें। इसके अलावा उनकी गिनती सर्वाधिक आक्सीजन उत्सर्जित करने वाले वृक्षों में की जाती हो।
जन सहभागिता से बचाएंगे पौधा : उपेंद्र
पौधरोपण के बाद उनके संरक्षण के लिए संघ जन सहभागिता का रास्ता अपनाएगा। प्रचार प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि जिस क्षेत्र में पौधे लगाए जाएंगे, वहां आसपास बसे लोगों से यह अनुरोध किया जाएगा कि वह तबतक पौधों की देखरेख करें, जबतक वह वृक्ष का रूप न ले ले। पौधरोपण के दौरान भी उनका सहयोग लिया जाएगा, जिससे वह अभियान से हृदय से जुड़ सकें।
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