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निजीकरण के विरोध में रोडवेजकर्मियों ने निकाली रैली, आरपार की लड़ाई का ऐलान Gorakhpur News

रैली रेलवे बस डिपो परिसर से शुरू होकर काली मंदिर गोलघर और इंदिरा तिराहा होते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय परिसर में आकर समाप्त हो गई। रैली में शामिल कर्मी प्रदर्शन कर परिसर में ही धरने पर बैठ गए।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 03:57 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 03:57 PM (IST)
निजीकरण के विरोध में रोडवेजकर्मियों ने निकाली रैली, आरपार की लड़ाई का ऐलान Gorakhpur News
निजीकरण के विरोध में धरना देते रोडवेज कर्मचारी।

गोरखपुर, जेएनएन। कर्मचारी अधिकारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश के आह्वान पर रोडवेजकर्मियों ने रैली निकाली। क्षेत्रीय कार्यालय परिसर में प्रदर्शन कर धरना दिया। सात सूत्री ज्ञापन सौंपने के बाद पदाधिकारियों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी।

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परिसर में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी

रैली रेलवे बस डिपो परिसर से शुरू होकर काली मंदिर, गोलघर और इंदिरा तिराहा होते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय परिसर में आकर समाप्त हो गई। रैली में शामिल कर्मी प्रदर्शन कर परिसर में ही धरने पर बैठ गए। अपने संबोधन में रमेश तिवारी ने कहा कि सरकार धीरे-धीरे परिवहन निगम को निजी हाथों में सौंपती जा रही है। गोरखपुर से लखनऊ के रास्ते दिल्ली तक प्राइवेट बसों को भी परमिट जारी करने की घोषणा कर  दी है।

कर्मचारी खामोश नहीं बैठेंगे

वक्‍ताओं ने कहा कि आउटसोर्सिंग बढ़ती जा रही है। सरकार की मंंशा साफ है कि वह निजीकरण की ओर बढ़ रही है। ऐसे में चुपचाप बैठना ठीक नहीं है। कर्मचारियों को अपने और अपने परिवार के लिए आंदोलन करना ही पड़ेगा। रोडवेज कर्मचारी सरकार के साथ कंधा मिलाकर चले हैं। कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रिायों को उनके गंतव्‍य तक पहुंचाने का काम किया। कर्मचारियों ने सेवा का धर्म समझा। बदले में सरकार से कुछ भी नहीं मांगा। लेकिन कर्मचारी अब बर्दाश्‍त नहीं करेंगे। निजीकरण पर किसी भी हालत में चुप नहीं बैठेंगे। सरकार का यह काम कर्मचारियों के जीवन और मरण के समान है। ऐसे में हमें आंदोलन करना ही पड़ेगा। जब तक सरकार कुछ आश्‍वासन नहीं दे देती तब हम रोडवेज कर्मचारी खामोश नहीं बैठेंगे।

सात सूत्री ज्ञापन सौंपते हुए दी बड़े आंदोलन की चेतावनी

जय प्रकाश दूबे ने कहा कि सरकार ने मोर्चा की मांगों पर विचार नहीं किया तो रोडवेजकर्मी सड़क पर उतरकर आंदोलन को बाध्य होंगे। यह बड़ा आंदोलन होगा। सात सूत्री मांग पत्र सौंप दिया गया है। अब सरकार का काम है कि मांग पत्र पर अमल करे। उन्होंने निजीकरण बंद कर परिवहन निगम को राजकीय बनाने की मांग की। इस मौके पर कृष्ण चंद्र श्रीवास्तव, महेश कुमार राय, अशोक कुमार, नुरुल हसन, सिद्धिनाथ सिंह, दुर्गा प्रसाद यादव, अजय कुमार, विनोद तिवारी, संजय सिंह और बुद्धि सागर पांडेय सहित बड़ी संख्या में रोडवेजकर्मी मौजूद थे।


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