Coronavirus: लोगों को सुरक्षित घर पहुंचाने वाले रोडवेज के चालक और परिचालक भी असुरक्षित Gorakhpur News
बस्ती में चार रोडवेजकर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए। ऐसे में कर्मचारियों में दहशत फैल गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। संक्रमण काल में लोगों को सुरक्षित घर पहुंचाने वाले रोडवेज के चालक और परिचालक खुद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। डरे-सहमे रोडवेजकर्मी अब बसों को लेकर चलने से कतराने लगे हैं। हालांकि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए परिवहन निगम ने जिला अस्पताल और जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा है। लेकिन अभी तक एक भी रोडवेजकर्मी का कोरोना टेस्ट नहीं हो पाया है।
बस्ती में मिले हैं विभाग के चार कर्मचारी कोरोना पाजिटिव
मंगलवार को बस्ती में चार रोडवेजकर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए। ऐसे में कर्मचारियों में दहशत फैल गई है। कर्मचारी संगठनों में भी आक्रोश है। संगठनों का कहना है कि कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट यथाशीघ्र शुरू नहीं हुआ तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के क्षेत्रीय मंत्री कृष्ण चंद्र श्रीवास्तव के अनुसार टेस्ट के लिए संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं है। यही स्थिति रही तो रोडवेज में भी बड़े पैमाने पर संक्रमण बढ़ जाएगा। बसों का संचलन ठप हो जाएगा। उन्होंने निगम और जिला प्रशासन पर रोडवेज कर्मियों की उपेक्षा का भी आरोप लगाया है।
दो चरणों में टेस्ट के लिए लिखा गया है पत्र
परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक डीवी ङ्क्षसह ने बताया कि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है। प्रथम चरण में 50 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों का तथा द्वितीय चरण में 40 से 50 वर्ष तक कर्मचारियों का टेस्ट कराने के लिए अनुरोध किया गया है।
क्या कहते हैं चालक और परिचालक
परिवहन निगम के चालक और परिचालकों का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए विभाग की तरफ से कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं। जबकि होना चाहिए कि सभी चालकों और परिचालकों को पीपीई किट उपलब्ध कराया जाए। आश्चर्य की बात यह है कि अभी तक किसी चालक या परिचालक की जांच तक नहीं हुई है। ऐसे में पीपीई किट की बात करना विभाग के लिए असंभव वाली बात है।