सीवर लाइन के नाम पर बर्बाद हो रहीं सड़कें, भाजपा विधायक ने विधान सभा में उठाया मामला Gorakhpur News
भाजपा विधायक डाक्टर राधामोहन दास अग्रवाल ने गोरखपुर शहर में जल-निगम द्वारा सीवर लाइन डालने के नाम पर सड़कें बर्बाद करने का मामला विधान सभा में उठाया।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के विधायक डाक्टर राधामोहन दास अग्रवाल ने गोरखपुर शहर में जल-निगम द्वारा सीवर लाइन डालने के नाम पर सड़कें बर्बाद करने का मामला विधान सभा में उठाया। नियम-301 के तहत इस मामले को उठाते हुए विधायक ने कहा कि गोरखपुर शहर के पचास हजार नागरिकों का जीवन जल निगम ने नारकीय बना दिया है। विधायक ने कहा कि जल-निगम द्वारा अनियोजित तथा विवेकहीन तरीके से सीवर लाइन डालने का कार्य किया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने विषय की गंभीरता को स्वीकार करते हुये सरकार को जवाब देने के लिए निर्देशित किया है।
इन मोहल्लों में खोदी गई सड़क
गोरखपुर के मालवीय नगर, गोरक्षनगर, दिव्यनगर, अभिषेकनगर, पीपलडाढ़ा, गिरधरगंज, आवास विकास झारखंडी, कूडाघाट, आदर्शनगर, सिंघडिंया, झरनाटोला, दरगहिया, नन्दानगर, सैनिककुंज आदि मोहल्लों के
नारकीय हुआ लोगों का जीवन
नगर विधायक ने कहा कि गोरखपुर के विकास के नाम पर शहर विधानसभा के कुछ क्षेत्रों में जल निगम सीवर लाइन डालने के नाम पर आम जन को परेशान किया जा रहा है। पिछले डेढ़ सालों में ठेकेदारों ने 140 किलोमीटर की अधिकांश सडकें खोद डालीं। विधायक निधि से बनाई गई उच्चतम गुणवत्ता की सीसीरोड को तोड़ डाला और सारे क्षेत्र की सडकों को कीचड़ की बना दिया। आये दिन महिलाएं, छोटे बच्चे तथा वयोवृद्ध नागरिक सडकों पर गिरकर चौटिल हो रहे हैं लेकिन नगर निगम के अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।
बदतर हो गईं सड़कें
विधायक ने कहा कि जल निगम के ठेकेदारों की जिम्मेदारी थी कि वे अपने द्वारा पूरी तरह से तोड़ी गई सडकों को पहले की तरह बनाते लेकिन इन्होंने इन्हें गांव की सडकों से भी बदतर बना दिया। नगर विधायक ने कहा कि डेढ़ साल हो गया विभाग ने घरों को कनेक्शन अभी तक नहीं दिया और अभी इस काम में ये वर्षों लगा देंगे। नगर विधायक ने पूछा कि सरकार बताये कि इन सडकों को फिर से बनाने के लिए करोड़ों रुपये कौन देगा ?
सड़क बनाने की तकनीकी पर उठाए सवाल
नगर विधायक ने कहा कि दुनिया के सारे देशों में बिना सड़क काटे हुए ट्रेन्च-लेस पद्धति से सीवर लाइन डाली जाती है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश के शहरों में ट्रेन्चलेस पद्धति से मेट्रो लाइन बनाई गई लेकिन न जाने कौन सा ठेकेदारी का खेल है कि जल निगम पुरातन तरीके से सडकों को खोद-खोदकर सीवर डाल रहा है। आज के तकनीकी विकास के युग में बैलगाड़ी-पद्धति से विकास कराने का क्या मतलब है ?
डस्टबिन में डाल दिया नगर विकास मंत्री का आदेश
नगर विधायक ने कहा कि 19 जुलाई को इसी साल विधानसभा में यह विषय उठाया था और 25 जुलाई को नगर विकास मंत्री से इस विषय में पत्र दिया था। उन्होंने हमारी उपस्थिति में जलनिगम के प्रबंध निदेशक को बुलाकर बैठक की और उन्हें स्वयं गोरखपुर जाकर जांच करने के लिए निर्देशित किया। एक सप्ताह में मंत्री बदल गये और प्रब॔ध निदेशक ने उनका आदेश डस्टबिन में डाल दिया।
सुलग रहा है ग्रामीणों का गुस्सा
विधायक ने कहा कि नागरिकों का गुस्सा भीतर ही भीतर सुलग रहा है। यदि समय रहते शासन नहीं चेता तो किसी दिन भी नागरिक-विस्फोट हो जायेगा। भाजपा विधायक होने के कारण नागरिकों का यह छिपा आक्रोश सरकार तक पंहुचाये। उन्होंने कहा कि कल जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में यह विषय उठाया तो जानकर आश्चर्य हुआ कि जलकल के प्रभारी अधिकारी ने एक बार भी स्थलीय स्थिति जानने तक की कोशिश तक नहीं की।