गोरखपुर में प्लास्टिक कचरे से बनेगी सड़क, 8 वर्ष तक नहीं पड़ेगी मरम्मत की जरूरत Gorakhpur News
गोरखपुर में प्लास्टिक कचरे से सड़के बनाने की तैयारी हो रही है। जलजमाव का इस सड़क पर कोई असर नहीं होगा। आठ वर्ष तक इस सड़क को मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ेगी।
गोरखपुर, संतोष गुप्ता। मजबूत और टिकाऊ सड़क बनाने की दिशा में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने भी कदम बढ़ाए हैं। गीडा के सेक्टर-15 में 7.22 करोड़ रुपये की लागत से प्लास्टिक के कचरे से दो सड़कें बनाई जाएंगी। एक सड़क की लंबाई 1.3 किलोमीटर और दूसरे की 750 मीटर होगी। लोक निर्माण विभाग जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी करेगा।
अफसरों का कहना है कि सड़क निर्माण सामग्री में प्लास्टिक के उपयोग से इसकी मजबूती बढ़ेगी। सामान्य सड़कों के निर्माण के बाद जहां तीन से चार वर्ष के बाद मरम्मत की जरूरत पड़ती है, वहीं प्लास्टिक कचरे को मिलाकर बनाई गई सड़क की मरम्मत की जरूरत सात से आठ वर्ष तक नहीं पड़ेगी। सड़क पर बारिश के पानी का भी असर नहीं के बराबर होगा।
यहां बनेगी सड़क
गीडा के सेक्टर-15 स्थित बी ब्लाक में 18 मीटर चौड़ी तथा 1.300 किमी लंबी सड़क बनाई जाएगी। इसके बनाने में लगभग 4.60 करोड़ रुपये खर्च होंगे। तकरीबन 750 मीटर लंबी दूसरी सड़क के निर्माण पर 2.63 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
ऐसे बनेगी सड़क
गीडा के वरिष्ठ प्रबंधक अनुरक्षण केएल वर्मा ने बताया कि प्लास्टिक के कचरे से सड़क बनाने के लिए सबसे पहले प्लास्टिक के कचरे का दाना बनाया जाएगा। एक क्विंटल प्लास्टिक में लगभग 82 किग्रा प्लास्टिक का दाना तैयार होगा। दाने को पहले 165 डिग्री सेंटीग्रेड पर गर्म कर गिट्टी में मिक्सर मशीन से मिलाया जाएगा। इसके बाद उसको 130 डिग्री सेंटीग्रेड पर गर्म कर तारकोल के साथ मिलाया जाएगा। एक क्विंटल तारकोल में आठ फीसद प्लास्टिक का दाना मिक्स रहेगा। प्लास्टिक का दाना देने के लिए गीडा की एक कंपनी से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी हो चुके हैं।
प्रतिबंधित हो चुके प्लास्टिक से सड़क निर्माण कराने की योजना तैयार है। टेंडर की प्रक्रिया भी जल्द ही करा दी जाएगी। सड़क को बनाने में लगभग 20 से 25 फीसद तक खर्च कम आएगा। बारिश में भी सड़क पर कोई असर नहीं होगा। सड़क लंबे समय तक चलेगी। - संजीव रंजन, मुख्य कार्यपालक अधिकारी गीडा