बारिश से पूर्वांचल की नदियां उफान पर; बानगंगा, राप्ती, सरयू उफनाई- गोरखपुर शहर में बाढ़ जैसे हालात
Flood threat in Gorakhpur बीते 24 घंटे से हो रही बारिश के कारण गोरखपुर बस्ती मंडल के जिलों में बहने वाली नदियां उफान पर हैं। गोरखपुर में राप्ती नदी और सिद्धार्थनगर में बानगंगा नदी उफनाई है। पूर्वांचल के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बीते 24 घंटे से हो रही रुक-रुककर और बुधवार सुबह से हो रही तेज बारिश के कारण पूर्वांचल की नदियां उफान पर हैं। गोरखपुर में राप्ती, सरयू और आमी नदी उफान पर है तो कुशीनगर में गंडक और देवरिया में सरयू उफान पर है। सिद्धार्थनगर में बानगंगा में रिकार्ड तीस मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। गोरखपुर शहर में भारी बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है।
गोरखपुर पर भी खतरा : गोरखपुर के राप्ती नदी में बीते दिनों बिना बारिश हुए जलस्तर बढ़ रहा था। इधर तेज बारिश के कारण इस नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पूर्वांचल के अन्य जिलों में भी यह नदी उफान पर है।
बानगंगा में 30 तो ककरही और बांसी में 20 मिली मीटर वर्षा रिकार्ड : बानगंगा में 30 तो ककरही और बांसी में 20 मिली मीटर वर्षा रिकार्ड की गयी है। लगातार हो रही वर्षा से किसानों के चेहरे पर मुस्कान छा गयी है। हलांकि बाढ़ के खतरे से भी लोग परेशान हैं। राज्य कृषि मौसम केंद्र के प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि अभी हल्की वर्षा हो रही है, परंतु आगे झमाझम वर्षा होने की उम्मीद है। गुरुवार को भी तेज वर्षा होने का अनुमान है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अभी और गिरावट आएगी।
गोरखपुर शहर में नदियों के रूप में दिखने लगे नाले
गोरखपुर में सुबह से हो रही तेज बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं ही, यहां नाले भी नदी के रूप में दिखने लगे। शहर की अधिकांश कालाेनियों में पानी भर गया। सबसे ज्यादा दिक्कत मेडिकल कालेज रोड के किनारे की कालोनियों में हो रही है। यहां असुरन से खजांची तक का पानी निकालने के लिए खजांची चौराहे पर एक ह्यूम पाइप डाला गया। वार्ड नंबर 37 शक्तिनगर के पार्षद आलोक सिंह विशेन कहते हैं, 'पतले से ह्यूम पाइप से वर्षा और कालोनियों का पानी निकालने की असफल कोशिश चल रही है। कालोनियों में पानी भरता जा रहा है। जैसे-जैसे वर्षा का समय बढ़ता जाएगा लोगों के घरों में पानी घुसने लगेगा।
पूरा शहर पानी-पानी
वार्ड नंबर नौ बशारतपुर के पार्षद राजेश तिवारी कहते हैं, 'पिछले साल से ही अफसरों को बताया जा रहा है कि मेडिकल कालेज रोड के किनारे की कालोनियों को जलभराव से बचाना है तो नालों की गहराई बढ़ाकर पानी निकालने की व्यवस्था की जाए लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। दिखावे के लिए चार हजार मीटर की नाली में से सिर्फ 170 मीटर नाले गहराई बढ़ाई गई। अब कच्चा नाला खोदाई का खेल चलेगा और जनता झेलेगी।'