गोरखपुर के इस भवन में रहते हैं 61 परिवार, देते हैं हर माह 10 रुपये किराया, जानें-इस मशहूर इमारत की असलियत Gorakhpur News
नगर निगम के रिकॉर्ड में रीड साहब की धर्मशाला में वर्तमान में 61 परिवार रहते हैं। इनसे नगर निगम किराया लेता है। सबसे कम किराया 10 रुपये और सबसे ज्यादा 43 रुपये हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। गोखपुर शहर में एक ऐसा भवन है जहां परिवार के साथ रह रहे किरायेदारों को हरमाह सिर्फ 10 रुपये किराया देना पड़ता है। यहां की अधिकतम किरायेदारी 40 रुपये माहवार है। यह भवन कोई और नहीं अपितु, रीड साहब की धर्मशाला है। इसमें रहने वालों का नगर निगम फिर ब्योरा बनाएगा।
डीएम ने निवासियों से कागजात मांगे
डीएम रीड साहब की धर्मशाला में पहुंचे। उन्होंने वहां रहने वालों से बात की। लोगों ने बताया कि वह वर्षों से वहां रह रहे हैं। डीएम ने सभी से कागजात मांगे हैं। डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन के निर्देश पर नगर निगम प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन रीड साहब की धर्मशाला को संरक्षित करेगा।
खाली करने का दिया था निर्देश
बता दें कि इस साल की शुरुआत में भी डीएम ने रीड साहब की धर्मशाला का निरीक्षण किया था। उस समय उन्होंने धर्मशाला खाली कराने के निर्देश दिए थे। नागरिकों की सूचना पर पहुंचे नगर विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने लोगों को आश्वासन दिया था कि वर्षों से रह रहे लोगों को बेदखल नहीं होने दिया जाएगा।
रहते हैं 61 परिवार
नगर निगम के रिकॉर्ड में रीड साहब की धर्मशाला में वर्तमान में 61 परिवार रहते हैं। इनसे नगर निगम किराया लेता है। सबसे कम किराया 10 रुपये और सबसे ज्यादा 43 रुपये हैं।
अंग्रेज कलेक्टर के नाम पर है धर्मशाला
रीड साहब की धर्मशाला का नाम अंग्रेज कलेक्टर ईए रीड के नाम पर है। इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था, इसमें 62 कमरे बने थे। उस समय यहां बाहर से आने वाले लोगों को ठहराया जाता था। मुगलकालीन वास्तुशिल्प पर निर्मित इस धर्मशाला की कुछ दीवारें और कुछ दरवाजे ही बचे हैं। ज्यादातर हिस्सा खंडहर में तब्दील हो चुका है।
रीड साहब का धर्मशाला होगा सुरक्षित इस संबंध में डीएम के.विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा कि रीड साहब की धर्मशाला का निरीक्षण करने गया था। वहां रहने वालों से कागजात मांगे गए हैं। ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए रीड साहब की धर्मशाला को संरक्षित किया जाएगा।