Move to Jagran APP

बेफिक्र होकर रोपिये यूकेलिप्टस, नहीं सोखता ज्यादा पानी Gorakhpur News

यह भ्रम टूटा है एक शोध से। एनजीटी ने इसे स्पष्ट किया है। विभिन्न देशों में कराए गये शोध से पता चला है कि यूकेलिप्टस से पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव भी नहीं पड़ता है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 09:00 AM (IST)
बेफिक्र होकर रोपिये यूकेलिप्टस, नहीं सोखता ज्यादा पानी Gorakhpur News
बेफिक्र होकर रोपिये यूकेलिप्टस, नहीं सोखता ज्यादा पानी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। यूकेलिप्टस अन्य पौधों की तुलना में अधिक पानी नहीं सोखता है। जबकि किसानों और ग्रामीणों में आम धारणा बन चुकी है कि यूकेलिप्टस के लिए पानी अधिक चाहिए।

loksabha election banner

शोध ने तोड़ा भ्रम

यह भ्रम टूटा है एक शोध से। (एनजीटी) राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने इसे स्पष्ट किया है। विभिन्न देशों में कराए गये शोध से पता चला है कि यूकेलिप्टस से पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव भी नहीं पड़ता। न ही यह भूगर्भ जल स्तर के लिए हानिकारक है।

बस इतना ही पानी है खुराक

शोध में  पाया गया है कि यूकेलिप्टस का पौधा अपने बायोमास का 785 लीटर प्रति किलो ग्राम पानी ही अवशोषित करता है। जो कि बाकी वृक्ष प्रजातियों जैसे अकेसिया (2233 ली.प्रति किग्रा.) डलबर्जिया (1484 ली. प्रति किग्रा.) अन्य कृषि फसलें जैसे धान (2000 ली. प्रति किग्रा.) कपास (3200 ली. प्रति किग्रा.) के सापेक्ष बहुत ही कम है। यूकेलिप्टस की अधिकतर प्रजातियों की जड़ 1.50-2.00 मीटर गहरी होती हैं। भूगर्भ स्तर से बहुत ही न्यूनतम जल प्राप्त करती हैं। जल बाहुल्य प्रजाति उत्तर प्रदेश में किए गये यूकेलिप्टस पौधारोपणों से यह भी सिद्ध होता है कि यूकेलिप्टस जल बाहुल्य प्रजाति नहीं है। यह जल भराव क्षेत्रों का जल भी अवशोषित कर उसे प्रभावित नहीं करता है।

ये है वन वैज्ञानिक की रिपोर्ट

विनायक राव पाटिल एक प्रख्यात वन वैज्ञानिक ने अपनी रिपोर्ट में भी कहा है कि यूकेलिप्टस से मृदा के उपजाऊपन में कोई कमी नहीं आती है। फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन (एफएओ) संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन ने भी इस पर अध्ययन कर अपनी सहमति दी है।

डीएफओ ने भी स्‍वीकारा

सिद्धार्थनगर के डीएफओ आकाश दीप बधावन का कहना है कि यह सही है कि यूकेलिप्टस का पौधा अन्य प्रजाति के पौधों जैसा ही पानी सोखता है। शोध में यह बात सामने आई है। इसे बेहिचक लगाएं। किसान खेती के साथ ही मेड़ों पर भी यूकेलिप्टस का पौधा लगाकर बेहतर लाभ ले सकते हैं। इससे पैदावार और मिट्टी पर किसी प्रकार का नुकसान नहीं है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.