पूर्वांचल के लिए राहत भरी खबर, कम हो रहा प्रमुख नदियों का जलस्तर Gorakhpur News
गोरखपुर और बस्ती मंडल की प्रमुख नदियों का जलस्तर तेजी से कम हो रहा है। इस कारण बाढ़ का खतरा फिलहाल कम होता दिख रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। बाढ़ की समस्या से परेशान लोगों के लिए राहत भरी खबर है। सरयू (घाघरा) एवं रोहिन नदियों के जलस्तर में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। सरयू नदी अयोध्या पुल एवं तुर्तीपार, दोनों स्थानों पर घट रही है। जिसके कारण तेजी से बढ़ रही राप्ती का जलस्तर भी स्थिर हो गया है। पिछले 16 घंटे में नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज नहीं हुई। माना जा रहा है कि राप्ती का जलस्तर भी धीरे-धीरे कम होगा।
सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि का सीधा असर राप्ती नदी पर भी पड़ता है। जैसे-जैसे सरयू नदी घटती है, राप्ती के जलस्तर में भी कमी नजर आने लगती है। रविवार की सुबह अयोध्या पुल के निकट खतरे के निशान से नीचे यानी 92.40 मीटर पर बह रही थी। रोहिन नदी 82.88 मीटर पर बह रही है। यह जलस्तर खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर ऊपर है। राहत की बात यह है कि नदी पिछले 16 घण्टे में 18 सेंटीमीटर घट चुकी है। राप्ती नदी का जलस्तर भी पिछले 16 घण्टे से 76.07 मीटर पर स्थिर है। नदी अभी भी खतरे के निशान से एक मीटर नौ सेंटीमीटर अधिक पर बह रही है।
राहत एवं बचाव कार्य जारी
बाढ़ बचाव टीमें क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। तटबंधों पर जहां भी कटान मिल रही है, उसे ठीक किया जा रहा है। ग्रामीणों से भी इस काम मे सहयोग मिल रहा है। जिले में सक्रिय रूप से 86 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। 63 गांव पानी से घिरे हैं। यहां 126 नाव लगाई गई है। सदर तहसील क्षेत्र में 68, सहजनवा में 30, गोला में आठ, कैम्पियरगंज में सात, खजनी में छह व चौरीचौरा में चार नावें लगाई गई हैं।
जुटाई जा रही राहत सामग्री
जिला प्रशासन ने राहत सामग्री वितरण की तैयारी शुरू कर दी है। ई निविदा के जरिए फ़ूड पैकेट का इंतजाम किया जा रहा है
इसमें 17 प्रकार की सामग्रियां होंगी। पांच व्यक्ति के औसत से एक सप्ताह के लिए 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलो, पांच किलो लाई, दो किलो भूना चना, दो किलो अरहर दाल आदि सामग्रियां शामिल हैं। प्लास्टिक के 500 तिरपाल खरीदे गए हैं। लंच पैकेट की भी व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहजनवा एवं पाली क्षेत्र में हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। सुबह करीब 10.30 बजे मुख्यमंत्री जायजा लेने पहुंचे। सहजनवा क्षेत्र में कई गांव पानी से घिरे हैं। यहां 30 नावें लगाई गई हैं। मुख्यमंत्री हवाई सर्वेक्षण के बाद करीब 11 बजे सर्किट हाउस पहुंचे। रेलवे एवं एम्स अस्पतालों के निरीक्षण कर सर्किट हाउस लौटे मुख्यमंत्री ने बाढ़ बचाव को लेकर समीक्षा बैठक नहीं की। उन्होंने साथ मौजूद अधिकारियों से कहा कि किसी भी दशा में तटबंध टूटने न पाएं। जिन गांवों में पानी भर रहा है, वहां प्रकाश की व्यवस्था कराई जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों की हर सुविधा का ख्याल रखा जाए।