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सीएम सिटी में खुलेआम दबंगई : हम तो 50 की जगह 100 ही लेंगे, जिसको जो करना है करे Gorakhpur News

आरटीओ दफ्तार के गेट पर ही धड़ल्ले से डीजल चार पहिया वाहनों का 50 रुपये की जगह 100 रुपये में प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 08:57 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 08:00 AM (IST)
सीएम सिटी में खुलेआम दबंगई : हम तो 50 की जगह 100 ही लेंगे, जिसको जो करना है करे Gorakhpur News
सीएम सिटी में खुलेआम दबंगई : हम तो 50 की जगह 100 ही लेंगे, जिसको जो करना है करे Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। प्रदूषण जांच केंद्र संचालकों का मनमानी जारी है। आरटीओ दफ्तार के गेट पर ही धड़ल्ले से डीजल चार पहिया वाहनों का 50 रुपये की जगह 100 रुपये में प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं। वाहन स्वामी और चालकों की जेब ढीली हो रही है लेकिन कहीं कोई नोटिस नहीं लेने वाला है। सीएम सिटी में इस तरह की दबंगई खुलेआम हो रही है।

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निर्धारित है प्रमाण पत्र बनाने की फीस

अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्रों पर प्रमाण पत्र बनवाने के लिए शुल्क निर्धारित है। मोटरसाइकिल के लिए 30 रुपये, चार पहिया पेट्रोल वाहन के लिए 40 रुपये तथा चार पहिया सभी प्रकार के डीजल वाहनों के लिए 50 रुपये। लेकिन जांच केंद्र संचालक इसे मानने को तैयार नहीं है। वे अपने हिसाब से शुल्क ले रहे हैं। मंगलवार को भी दूरदराज क्षेत्र से प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने गोरखपुर पहुंचे लोग परेशान रहे। मजबूरी में लोगों को 50 की जगह 100 रुपये देने पड़े। इस समस्या की कहीं कोई सुनवाई भी नहीं हो रही।

क्‍या कहते हैं भुक्‍तभोगी

गजपुर के मणिनाथ यादव का कहना है कि पकड़े जाने पर जुर्माने के डर से प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने आया था। जांच केंद्रों पर भी एक तरह से जुर्माना ही लग रहा है। जांच केंद्र संचालक ने जबरदस्ती 50 की जगह 100 रुपये लिया। इसके बाद ही प्रमाण पत्र दिया। लोग मजबूरी में 100 रुपये दे रहे हैं। पिपरा के रईश अहमद का कहना है कि 100 रुपये देने के बाद भी प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए मशक्कत करनी पड़ी। एक तो वाहन खड़ी करने के लिए जगह नहीं है। ऊपर से जांच केंद्र संचालक 50 की जगह 100 रुपये ले रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि लोग कब तक ठगे जाते रहेंगे। 


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