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परिषदीय स्कूलों में विकसित होंगे रीडिंग कार्नर Gorakhpur News

प्रत्येक कक्षा में बच्चों की समिति बनाई जाएगी जो पुस्तकालय प्रबंधन व इसके उपयोग में शिक्षकों की मदद करेंगे।समिति को बुक क्लब नाम दिया जाएगा। इसमें कक्षा चार बच्चे जिनमें दो बालक एवं दो बालिकाएं शामिल होंगी। तीन माह में नए सदस्यों का चयन किया जाएगा।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 08:30 AM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 08:30 AM (IST)
परिषदीय स्कूलों में विकसित होंगे रीडिंग  कार्नर Gorakhpur News
ये प्राथमिक विद्यालय का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों के बच्चों में पढऩे की प्रवृत्ति विकसित करने के लिए स्कूलों में पुस्तकालय  क्रियाशील बनाए जाएंगे। जिन स्कूलों में पुस्तकालय के लिए अलग से कक्ष उपलब्ध नहीं है, वहां कक्षाओं में ही रीडिंग कार्नर विकसित किए जाएंगे। बच्चों में पढऩे की आदत विकसित करने के लिए सप्ताह में कम से कम दो घंटे पुस्तकालय में पढऩे का पीरियड निर्धारित किया जाएगा। साथ ही पुस्तक फट जाने पर बच्चों को किसी प्रकार का दंड नहीं दिया जाएगा। शासन स्तर से इसकी कवायद शुरू कर दी गई है।

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परिषदीय विद्यालय के बच्चों को पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ ही अन्य रोचक एवं ज्ञानवर्धक पुस्तकों के अध्ययन करने के लिए विद्यालयों में पुस्तकालयों की स्थापना की गई है। इसके लिए शासन स्तर से धनराशि भी उपलब्ध कराई गई थी। गत वर्ष पुस्तकालय के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालयों को दस हजार एवं प्राथमिक विद्यालयों को पांच हजार रुपये भेजे गए थे। प्रधानाध्यापकों ने इस धनराशि से पुस्तक तो खरीद लिया, लेकिन पुस्तकालय शुरू नहीं किए गए। विद्यालयों के निरीक्षण में पुस्तकालयों की स्थिति खराब पाए जाने पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने नाराजगी जताते हुए बेसिक शिक्षाधिकारियों को पुस्तकालयों के सुदृढ़ीकरण एवं उपयोग के लिए निर्देश दिया है।

बनेगा बुक क्लब, सदस्य होंगे बच्चे

प्रत्येक कक्षा में बच्चों की समिति बनाई जाएगी, जो पुस्तकालय प्रबंधन व इसके उपयोग में शिक्षकों की मदद करेंगे।समिति को बुक क्लब नाम दिया जाएगा। इसमें कक्षा चार बच्चे जिनमें दो बालक एवं दो बालिकाएं शामिल होंगी। इनका चयन कक्षा शिक्षक द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक तीन माह में बुक क्लब में नए सदस्यों का चयन किया जाएगा, ताकि सभी बच्चों को इस प्रकार के कार्य का अनुभव प्राप्त हो सके और उनमें नेतृत्व कौशल का विकास हो सके। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्‍द्र नारायण सिंह का कहना है कि महानिदेशक के निर्देश के क्रम में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विद्यालयों में रीङ्क्षडग कार्नर विकसित किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक बच्चे लाभान्वित हो सकें।


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