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राइस मिल के आठ मालिकों ने सरकार के 13 करोड रुपये हड़पे, आरसी जारी

विभाग पैसा मांगता रहा, पर राइस मिल मालिकों ने एक पैसा नहीं दिया। वह पूरी रकम हड़प लिए। मजबूर होकर वसूली आदेश जारी करना पड़ा

By Edited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 08:37 AM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 09:19 AM (IST)
राइस मिल के आठ मालिकों ने सरकार के 13 करोड रुपये हड़पे, आरसी जारी
राइस मिल के आठ मालिकों ने सरकार के 13 करोड रुपये हड़पे, आरसी जारी
गोरखपुर (जेएनएन)। धान खरीद वर्ष 2018-19 में पीसीएफ (यूपी कोआपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड) के क्रय केंद्रों द्वारा चावल मिलों को कस्टम कुटाई के लिए दिए गए धान के सापेक्ष 67 फीसद कस्टम चावल नहीं दिए जाने पर आठ राइस मिलरों के खिलाफ आरसी जारी कर दी गई है। पीसीएफ ने आठों बकायेदार मिलरों के मंडी लाइसेंस निलंबित करने के लिए मंडी सचिव को पत्र लिखा है।
एक-दो दिनों में निलंबन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। धान खरीद वर्ष 2018-19 में पीसीएफ का आठ राइस मिलरों पर शासकीय मूल्य 12 करोड़ 86 लाख 34 हजार 421 रुपये बकाया है। बकाये धनराशि के लिए पीसीएफ के अधिकारियों ने मिलरों को कई बार पत्र लिखा, लेकिन मिलरों ने बकाया धनराशि जमा नहीं की। इसके बाद पीसीएफ ने बकाये धनराशि की वसूली के लिए आरसी जारी की। इन बकायेदारों को जारी की गई आरसी जिन्हें आरसी जारी की गई है, उनमें मे. मां शारदा राइस मिल, सेक्टर नंबर 15 गीडा के राजू प्रसाद, घघसरा में पीजीएसडी एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के श्रवण गुप्त, जयगुरुदेव ट्रेडिंग कंपनी, बढ़नी, गोपालपुर, खजनी के शिव जायसवाल, शाद एग्रो इंडस्ट्रीज, सिहाइजपार, गगहा की शाहीन, रामचंद्र राइस मिल, लखनापर, सहजनवां के संदीप, कृष्ण एग्रो गुलरिहा बाजार के रामचंद्र, संकल्प मिनी राइस मिल, महराजगंज, परमेश्वरपुर के अशोक सिंह, मां वैष्णो एडविल्स प्राइवेट लिमिटेड, भगौरा के विश्वनाथ गुप्ता आदि है।
इस संबंध में पीसीएफ के क्षेत्रीय प्रबंधक चंद्रशेखर ने कहा है कि आठ मिलरों के खिलाफ आरसी जारी की गई है। सभी का मंडी लाइसेंस निरस्त करने के लिए मंडी सचिव को पत्र लिखा गया है। शीघ्र होगा पंजीयन का निलंबन महेवा मंडी के सचिव सेवाराम वर्मा का कहना है कि पत्र मिल गया है। मिलरों के मंडी लाइसेंस के निलंबन की प्रक्रिया चल रही है। दो से तीन दिनों के भीतर पंजीयन निलंबित कर दिए जाएंगे।

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