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कोरोना के कारण एक ही दिन में खत्‍म होगी रामलीला Gorakhpur News

कोरोना महामारी के कारण दो दिनों तक होने वाली रामलीला एक दिन में संपन्‍न कराई जाएगी। नौ नवंबर को दिन में रावण के पुतले का दहन व शाम में श्रीराम डोला नगर भ्रमण के लिए निकला जाएगा। बृजमनगंज की रामलीला ब्रिटिश शासन काल से होती चली आ रही है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 05:30 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 05:30 PM (IST)
कोरोना के कारण एक ही दिन में खत्‍म होगी रामलीला  Gorakhpur News
गोरखपुर में रामलीला का एक भावपूर्ण दृश्‍य। फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज के बृजमनगंज की रामलीला ब्रिटिश शासन काल से होती चली आ रही है। रामलीला के प्रथम दिन प्राचीन ठाकुरद्वारा परिसर से भगवान श्री रामचन्द्र का डोला पूरे नगर में भ्रमण करता है। बाद में रामलीला पड़ाव में बने विशाल रावण के पुतले का दहन करते हैं। उसके बाद अगले दिन ऐतिहासिक भरत मिलाप मेला का आयोजन होता है। जिसमें खास बात यह है कि ये मेला पूरी रात चलता है। इस मेले में दूर-दराज के दुकान व विभिन्न झूला सहित खान-पान की दुकानें पूरी रात मेले की शोभा बढ़ाती  हैं। प्रभु श्रीराम चंद्र का भव्य डोला तथा उनके पीछे बजरंगबली का डोला नगर भ्रमण के लिए निकाला जाता है। जिसे लोग अपने घर के द्वार पर पूजन व स्वागत करते हैं। नगर भ्रमण के पश्चात रामलीला पड़ाव पहुंचने पर भोर में माता सीता की अग्नि परीक्षा के बाद मेला का समापन होता है।

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इस वर्ष का आकर्षण

रामलीला में सभी कलाकार स्थानीय होते हैं। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण दो दिनों तक होने वाला रामलीला एक दिन में सम्पन्न कराया जाएगी। इस दौरान सादगी के साथ परंपरा को निभाते हुए नौ नवंबर को दिन में रावण के पुतले का दहन व शाम में श्रीराम जी डोला नगर भ्रमण के लिए निकला जाएगा।

क्षेत्र के लोग परंपराओं को बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। जिसमें स्थानीय लोगों का भरपूर सहयोग रहता है। ऐतिहासिक रामलीला में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते है। - रामकुमार कसौधन, अध्यक्ष, रामलीला समिति

रामलीला को सफलता पूर्वक संपन्न कराने के लिए रामलीला कमेटी बनाई गई है। जो व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पूरे समय सक्रिय रहती  है। - योगेंद्र यादव, व्यवस्थापक रामलीला समिति

दो दिन तक चलने वाले रामलीला की ख्याति आसपास के जनपदों सहित दूर-दूर तक है। जिसमे दूर-दराज से दुकानदार अपनी दुकानें सजा कर मेले की शोभा बढ़ातें हैं। - नटवर गोयल, महामंत्री,  रामलीला समिति

ऐतिहासिक रामलीला मेला ब्रिटिश काल से चल रहा है। वर्तमान में भले ही युवा पीढ़ी इस प्राचीन परंपरा से मुह मोड़ रही हो, लेकिन स्थानीय लोगों व समिति के कार्यकर्ताओं के प्रयास से ऐतिहासिक रामलीला मेले के प्रति लोगों की रुचि लगातार बढ़ती जा रही है। - किशन जायसवाल, अध्यक्ष उद्योग व्यापार मंडल बृजमनगंज। 


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