Move to Jagran APP

विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र बनेगा रामगढ़ताल, आसपास की वाटर बाडी का होगा कायाकल्प

ताल को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्राधिकरण कंसलटेंसी फर्म का सहारा लेने जा रहा है। इसके लिए रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर दी गई है। फर्में 17 फरवरी तक आवेदन कर सकती हैं।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 12:09 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 06:21 PM (IST)
विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र बनेगा रामगढ़ताल, आसपास की वाटर बाडी का होगा कायाकल्प
गोरखपुर के रामगढ़ ताल का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। अपनी छटा से सभी का मन मोहने वाले रामगढ़ताल को अभी और रमणीय बनाने की तैयारी चल रही है। इसके संचालन का जिम्मा हाथ में आने के बाद गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इसके विकास की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। ताल को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्राधिकरण कंसलटेंसी फर्म का सहारा लेने जा रहा है। इसके लिए रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर दी गई है। फर्में 17 फरवरी तक आवेदन कर सकती हैं और 27 जनवरी को प्री बिड मीटिंग (बोली से पहले की बैठक) जीडीए सभागार में रखी गई है।

loksabha election banner

पर्यटन की दृष्टि से लोगों की पसंदीदा बना रामगढ़ताल

गोरखपुर में पर्यटन की दृष्टि से रामगढ़ताल लोगों की पसंदीदा जगह बन गया है। यहां नया सवेरा योजना के तहत सुंदरीकरण के काफी काम हुए हैं। जेटी पर प्रदेश का सबसे ऊंचा तिरंगा लगा है तो गोरखपुर के नाम के साथ सेल्फी लेने के लिए 'आइ लव गोरखपुर' की संरचना भी बनायी गई है। लोग ताल में नौकायन का भरपूर रोमांच भी उठाते हैं। पर, अब विदेश सैलानियों को आकर्षित करने के लिए इसे विश्वस्तरीय बनाने पर जोर दिया जा रहा है। जिस फर्म का चयन किया जाएगा, उसे रामगढ़ताल को और बेहतर बनाने की कार्ययोजना सौंपनी होगी। इसके साथ ही ताल से लगी वाटर बाडी के कायाकल्प की योजना भी पेश करनी होगी। वाटर बाडी में किस तरह की गतिविधियां हो सकती हैं, उन्हें केसे सुंदर बनाया जा सकता है, इन बातों पर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने की जिम्मेदारी कंसलटेंट की ही होगी। इसके साथ ही सुंदरीकरण के लिए जरूरी आधारभूत संरचना को लेकर भी सुझाव दिए जाएंगे।

जलकुंभी से भरी रहती है वाटर बाडी

तारामंडल क्षेत्र में करीब सात वाटर बाडी है। इसके सुंदरीकरण को लेकर कोई योजना न होने के कारण इसमें जलकुंभी भरी रहती है। ताल के ठीक दूसरी ओर स्थित वाटर बाडी काफी बड़ी है और इससे रामगढ़ताल क्षेत्र की रमणीयता पर भी असर पड़ता है। पर, जीडीए की नई पहल के चलते वाटर बाडी का कायाकल्प होते ही इस क्षेत्र की रमणीयता में चारचांद लग जाएगा। जीडीए के मुख्‍य अभियंता पीपी सिंह के अनुसार रामगढ़ताल को विश्वविस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है। इसके लिए कंसलटेंट हायर करने को आरएफपी जारी की गई है। कंसलटेंट विकास की योजना बनाएंगे। इसमें रामगढ़ताल से लगी वाटर बाडी का भी कायाकल्प किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.