लालकिले पर मोदी को देखकर अभिभूत हुए गोरखपुर के रामगणेश, बोले- योगी जी ने वीआईपी बना दिया
Independence Day 2021 बड़े-बड़े लोग जहां पहुंचने के लिए तरसते हैं वहां गोरखपुर के वनटांगिया गांव के रामप्रवेश जैसे व्यक्ति को बैठने का मौका मिल गया। रामप्रवेश इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हैं। उन्होंने कहा कि योगी जी ने मुझे भी वीआईपी बना दिया।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Independence Day 2021: बड़े-बड़े लोग जहां पहुंचने के लिए तरसते हैं, वहां मुझ जैसे व्यक्ति को बैठने का मौका मिल गया, यह अपने आप में बड़ी बात है। मोदी जी को इतने नजदीक से देखने का सौभाग्य मिलेगा यह कभी सोचा नहीं था। लेकिन मोदी हैं तो सब मुमकिन है। महाराज जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) ने आज मुझे भी वीआईपी बना दिया। यह उद्गार उस वनटांगिया रामगणेश के हैं जिन्हें लाल किला पर आयोजित स्वाधीनता दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। लाल किला से लौटे रामगणेश गदगद हैं।
75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए किया गया था आमंत्रित
10 विशिष्ट जाति व परंपरा के लोगों में शामिल गोरखपुर के तिनकोनिया जंगल गांव निवासी वनटांगिया रामगणेश ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कृपा से, उन्हें लालकिले के समारोह में जाने का न्यौता मिला। उन्हें उस विशिष्ट दीर्घा में बैठने की जगह मिली, जहां देश के वीआईपी बैठने के लिए तरसते हैं। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रामगणेश शनिवार सुबह छह बजे दिल्ली पहुंच गए थे। वहां यूपी भवन में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई थी।
रविवार सुबह साढ़े चार बजे ही वह स्नान आदि करके कार्यक्रम के लिए तैयार हो गए। सुबह पांच बजे लालकिला परिसर में पहुंच गए। करीब सात बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले के मंच पर चढ़ गए। करीब साढ़े सात बजे से उनका संबोधन शुरू हुआ। रामगणेश कहते हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में विशिष्ट दर्जा पाकर अभिभूत हूँ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की देन हैं, जो उन्हें कार्यक्रम में जाने का मौका मिला।
प्रदेश सरकार के वाहन लाल किले पहुंचे रामगणेश
रामगणेश का कहना है प्रदेश के विभिन्न जिलों से थारू, आदिवासी व अन्य जातियों के लोगों को दिल्ली के यूपी भवन भवन लाया गया था। वनटांगिया समुदाय से वह स्वयं थे। कार्यक्रम में जाने के लिए सभी अपनी वेशवूषा में तैयार हुए। थारू जाति की महिला ने अपना विशेष पहनावा पहना तो रामगणेश ने भी अपने सिर पर केशरिया रंग की पगड़ी बांधी थी। उन्हें प्रदेश सरकार के विशेष वाहन से लाल किला ले जाया गया।