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Indian Railway: रेलवे ने विभागीय पदोन्नति का नियम बदला, अब केवल एक परीक्षा होगी

रेलवे में पदोन्‍नति के लिए अब केवल एक परीक्षा होगी। 60 फीसद या अधिक अंक पाने वाले साक्षात्कार के लिए बुलाए जाएंगे। पहले यह सीमा 75 फीसद थी। माइनस मार्किंग व पूरे देश में एक साथ परीक्षा की व्यवस्था यथावत होगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 03:10 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 09:08 AM (IST)
Indian Railway: रेलवे ने विभागीय पदोन्नति का नियम बदला, अब केवल एक परीक्षा होगी
: रेलवे ने विभागीय पदोन्नति का नियम बदल दिया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे बोर्ड ने ग्रुप सी से बी में विभागीय पदोन्नति के लिए होने वाली परीक्षा में फिर संशोधन किया है। इससे कर्मचारी से अधिकारी बनने की राह आसान हो गई है। एक माह पहले बनाई गई प्री व मेंस परीक्षा की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। अब केवल एक परीक्षा होगी। 60 फीसद या अधिक अंक पाने वाले साक्षात्कार के लिए बुलाए जाएंगे। पहले यह सीमा 75 फीसद थी। माइनस मार्किंग व पूरे देश में एक साथ परीक्षा की व्यवस्था यथावत होगी।

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सौ प्रश्न अनिवार्य होंगे, 60 फीसद या अधिक अंक पाने वाले दे सकेंगे साक्षात्कार

नई व्यवस्था एक जनवरी 2021 के बाद रिक्त पदों के सापेक्ष होने वाली सीमित विभागीय (70 और 30 फीसद) प्रतियोगी परीक्षा में समान रूप से लागू होगी। परीक्षा में 125 बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे। प्रति सही जवाब पर एक अंक मिलेगा। हर गलत जवाब पर एक तिहाई अंक कटेगा। सौ प्रश्न हल करना अनिवार्य होगा।

लेखा को छोड़कर अन्य विभागों में परीक्षा पर रोक

रेलवे के कई जोन में पदोन्नति परीक्षाएं चल रही हैं। बोर्ड ने लेखा को छोड़कर यातायात, वाणिज्य, कार्मिक, सिग्नल, विद्युत, यांत्रिक, इंजीनियरिंग और स्टोर की परीक्षाओं पर रोक लगा दी है। हालांकि रोक वहीं है, जहां अभी तक लिखित परीक्षा नहीं हुई है। जहां लिखित परीक्षा हो चुकी है, वहां साक्षात्कार जल्द पूरा करने के लिए कहा गया है।

यह भी जानें

70 फीसद की सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षा में ग्रुप सी के वरिष्ठ रेल कर्मचारी (पर्यवेक्षक स्तर) और 30 फीसद की परीक्षा में 4200 ग्रेड पे में पांच वर्ष की सेवा पूरी कर चुके ग्रुप सी के सभी कर्मचारी भाग लेते हैं।

रेलकर्मियों के बच्चों की छात्रवृत्ति पर संकट के बादल

रेल कर्मचारियों के पांच हजार बच्चों की तकनीकी और व्यावसायिकपढ़ाई पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। छात्रवृत्ति के लिए रेलवे में 30 अक्टूबर तक फार्म जमा करना है, लेकिन छात्र अभी भी संस्थान खुलने का इंतजार कर रहे हैं। अगर फार्म जमा करने की तिथि नहीं बढ़ी तो छात्र इस साल मिलने वाली छात्रवृत्ति से वंचित रह जाएंगे। दरअसल, रेलवे प्रशासन कर्मचारी कल्याण निधि से कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करता है। इसके लिए छात्रों को प्रत्येक वर्ष कार्मिक विभाग में फार्म भरना पड़ता है। फार्म पर अध्ययनरत संस्थान के प्रमुख का हस्ताक्षर अनिवार्य होता है, लेकिन कोरोना काल के चलते शिक्षण संस्थान अभी भी बंद हैं। ऐसे में संस्थान प्रमुख का हस्ताक्षर नहीं हो पा रहा।

इसके अभाव में हजारों छात्रों का फार्म अभी तक जमा नहीं हो पाया है। रेलकर्मियों ने रेल अधिकारियों से आवेदन तिथि बढ़ाने की मांग की है। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) के महामंत्री विनोद कुमार राय ने इस समस्या को प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी (पीसीपीओ) के समक्ष उठाया है। उन्होंने पीसीपीओ से छात्रों के जमा शुल्क रसीद व उत्तीर्ण अंकपत्र की छाया प्रति व शपथ पत्र पर फार्म को स्वीकार करने की मांग की है। 


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