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बजट की बाट जोह रहीं पूर्वोत्तर रेलवे की नई रेल लाइनें Gorakhpur News

फिलहाल पूर्वोत्तर रेलवे की दो नई रेल लाइनें बजट में बजट की बाट जोह रही हैं तो एक रेल लाइन कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार कर रही है। इसमें सहजनवां-दोहरीघाट और आनंदनगर-महराजगंज है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 07:00 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 07:00 PM (IST)
बजट की बाट जोह रहीं पूर्वोत्तर रेलवे की नई रेल लाइनें Gorakhpur News
बजट की बाट जोह रहीं पूर्वोत्तर रेलवे की नई रेल लाइनें Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। बजट सिर पर है, इसको लेकर चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। हालांकि, आम बजट में रेल बजट शामिल हो जाने के बाद रेलवे के प्रति लोगों का रुझान कम हो गया है। इसके बावजूद पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्वांचल के लोग नई रेल लाइनें, चल रही परियोजनाएं, नई ट्रेनें और यात्री सुविधाओं की आस लगाए बैठे हैं।

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दो नई रेल लाइनें बजट में बजट के इंतजार में

फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे की दो नई रेल लाइनें बजट में बजट की बाट जोह रही हैं, तो एक रेल लाइन कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार कर रही है। लगभग छह बार सर्वे के बाद 17 जुलाई, 2019 को कैबिनेट ने सहजनवां-दोहरीघाट करीब 80 किमी नई रेल लाइन को मंजूरी दी। 1320 करोड़ की लागत भी निर्धारित कर दी, लेकिन यह रेल लाइन अभी फाइलों से बाहर नहीं निकल सकी है। इससे खराब स्थिति आनंदनगर-महराजगंज-घुघली 50 किमी नई रेलमार्ग की है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के बाद भी आज तक कैबिनेट की मुहर नहीं लग सकी।

यहां पर होना था शिलान्‍यास

जानकारों के अनुसार पिछले साल सहजनवां-दोहरीघाट के साथ आनंदनगर-घुघली नई रेल लाइन का भी शिलान्यास होना था। सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन से गोरखपुर-वाराणसी की दूरी कम हो जाएगी तो आनंदनगर-घुघली रेल लाइन से महराजगंज के लोग भी ट्रेन देख सकेंगे। जिला मुख्यालय होने के बाद भी आज तक महराजगंज में रेल लाइन नहीं बिछ सकी। यातायात की दृष्टि से पिछड़े क्षेत्र खलीलाबाद-बहराइच 240 किमी नई रेल लाइन के निर्माण के लिए 4940 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। दो मार्च, 2019 को रेलमंत्री पीयूष गोयल ने खलीलाबाद में इस रेल लाइन की नींव रखी थी। पिछले बजट में इस रेल लाइन के लिए दस करोड़ आवंटित हुआ था। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार भूमि अधिग्रहण की प्राथमिक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

बौद्ध परिपथ को भी है बजट का इंतजार

पूर्वांचल और पूर्वोत्तर रेलवे स्थित बौद्ध परिपथ को भी बजट का इंतजार है। लालगंज-आजमगढ़, बस्ती-फैजाबाद, बांसी के रास्ते कपिलवस्तु-बस्ती, गोरखपुर के रास्ते पडरौना-कुशीनगर के बीच नई रेल लाइन सर्वे से आगे नहीं बढ़ पाई हैं। बढऩी से नेपाल की राजधानी काठमांडू के बीच 359 किमी नई रेल लाइन के लिए अभी तक सर्वे पूरा नहीं हो सका है, जबकि 2015-16 के रेल बजट में पहली बार तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने सर्वे का प्रस्ताव पास किया था। 


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