Union Budget 2020 : प्राइवेट ट्रेनों के विरोध में मुखर हुए रेलवे कर्मचारी संगठन Gorakhpur News
आम बजट को लेकर रेलवे कर्मचारी संगठनों में निराशा है। पदाधिकारियों ने पीपीपी मॉडल के प्राइवेट ट्रेनों और स्टेशनों पर वाइफाइ की सुविधा का विरोध जताया है।
गोरखपुर, जेएनएन। आम बजट को लेकर रेलवे कर्मचारी संगठनों में निराशा है। पदाधिकारियों ने पीपीपी मॉडल के प्राइवेट ट्रेनों और स्टेशनों पर वाइफाइ की सुविधा का विरोध जताया है। उनका कहना है कि सरकार यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान नहीं दे रही। तेजस की जगह एक्सप्रेस और साधारण ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। स्टेशनों पर वाइफाइ की जगह पीने का स्व'छ पानी, प्रसाधन केंद्र, विश्रामालय और यात्रियों के बैठने की उचित व्यवस्था की कहीं अधिक आवश्यकता है। प्रस्तुत है प्रमुख संगठनों के पदाधिकारियों की प्रतिक्रियाएं।
बजट में 150 नई पीपीपी मॉडल की प्राइवेट ट्रेन चलाने की घोषणा हुई है। लेकिन यह सभी ट्रेनें रेलवे की लाइनों पर दौड़ेंगी। रेलवे के संसाधनों का दोहन होगा। कमाई पूंजीपतियों की झोली में जाएगा। श्रमिक और मजदूर संघ इसका विरोध करता है। - राधेकृष्ण तिवारी, पूर्व अध्यक्ष, पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ
हम शुरू से प्राइवेट ट्रेनों का विरोध करते आ रहे हैं। तेजस खुद घाटे में चल रही है। इसके बाद भी सरकार तेजस जैसी ट्रेनें चलाने पर जोर दे रही है। कर्मचारियों और मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं है। आयकर में कुछ राहत की उम्मीद दिख रही है। - नवीन कुमार मिश्र, संयुक्त महामंत्री, एनई रेलवे मजदूर यूनियन
बजट बिल्कुल निराशाजनक है। 550 स्टेशनों को वाइफाइ करना जरूरी है कि यात्रियों को पीने का स्व'छ पानी उपलब्ध कराना। तेजस ट्रेन चलाने से क्या फायदा। सरकार गरीब लोगों के लिए भी तो ट्रेनों की घोषणा करे। सरकार रेलवे को बेचने की साजिश रच रही है। - विनोद कुमार राय, महामंत्री, पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ
यह बजट कर्मचारियों और मजदूरों के लिए छलावा है। बजट में साफ झलक रहा है कि रेलवे धीरे-धीरे निजी हाथों में चला जाएगा। हर बार की तरह रेलकर्मी ठगे महसूस कर रहे हैं। बजट में रोजगार सृजन का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। रेलवे में ही पद खाली चल रहे हैं। - सुभाष दूबे, संरक्षक, एनई रेलवे मेंस कांग्रेस
बजट से उत्साहित किसान बोले, हर किसी को मिलेगा लाभ
बजट से किसान बेहद उत्साहित हैं। उनक कहना है कि बजट में किसानों के लिए काफी कुछ है। इससे किसानों को लाभ होगा। फल और सब्जी जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किसान रेल का प्रस्ताव किया गया है। इससे किसानों को लाभ होगा।
किसान रेल से मिलेगा लाभ
पिपराइच क्षेत्र के पिपरामुगलान निवासी किसान श्रीकृष्ण सिंह ने कहा कि विशेष किसान रेलगाडिय़ां सार्वजनिक व निजी भागीदारी के तहत चलाने का प्रस्ताव है। इससे किसानों को काफी राहत मिलेगी।
फसलों के निर्यात का फैसला सराहनीय
पिपराइच के ग्राम हेमछापर निवासी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि टैक्स में राहत देकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। फसल उत्पादन के निर्यात का फैसला सराहनीय है। इससे किसानों को बहुत लाभ मिलेगा।
बजट में स्टडी इन इंडिया पर जोर, बेहतर कदम
शिक्षा पर बजट में 99300 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही गई है। कुछ छात्र इसे पर्याप्त तो कुछ और अधिक करने की बात कर रहे हैं। जागरण से बातचीत में छात्रों ने बजट को संतुलित बताया।
आम बजट में स्टडी इन इंडिया पर जोर देना केंद्र सरकार का अ'छा कदम है। नई शिक्षा नीति नए भारत की संकल्पना के संकल्प को पूरा करेगी। यह सरकार की प्रतिबद्धता पर निर्भर करेगी। शिक्षा के लिए 99300 करोड़ का बजट दिया गया है, किंतु यह काफी कम है। इसे और बढ़ाया जाना चाहिए था। - शिवेंद्र कुमार मिश्र, छात्र
बजट में छात्रों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है, यद्यपि मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में कुछ राहत दी गई है, लेकिन महंगाई से राहत नहीं दिया गया है। विकास दर के लिए अच्छा प्रयास किया गया है। बजट को संतुलित होना चाहिए। शिक्षा के मद में बजट में प्रस्तावित धन पर्याप्त है। - सुकृति यादव, शोध छात्रा
बजट में रोजगार, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सभी का ध्यान रखा गया है। पिछड़े, दलित, किसानों एवं महिलाओं को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया गया है, जो इन्हें विकास की मुख्यधारा में जोडऩे में मदद करेगा। इससे सबका साथ सबका विकास के सपने को मजबूत आकार देने में मदद मिलेगी। - धीरज मणि त्रिपाठी, छात्र
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट वास्तव में सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास के आधार का मार्ग प्रशस्त करने वाला बजट है। इस बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। कृषि के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र को समृद्धि करने वाला बजट है। - अल्पना सागर, छात्रा