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North Eastern Railway: रात्रि भत्ता की रिकवरी पर रेलवे बोर्ड ने लगाई रोक Gorakhpur News

रेलवे बोर्ड ने 29 सितंबर को जोनल कार्यालयों को पत्र लिखकर एक अक्टूबर 2020 से रात्रिभत्ता कटौती के साथ ही जुलाई 2017 से रिकवरी का भी आदेश जारी कर दिया था। पूर्वोत्तर रेलवे में रिकवरी की प्रक्रिया शुरू होने पर कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन शुरू कर दिया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 07:50 AM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 07:50 AM (IST)
North Eastern Railway: रात्रि भत्ता की रिकवरी पर रेलवे बोर्ड ने लगाई रोक Gorakhpur News
भारतीय रेल के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। 43600 रुपये और उससे अधिक मूल वेतन पाने वाले रेल कर्मियों के लिए राहत भरी खबर है। अब उनके वेतन से रात्रिभत्ता की रिकवरी नहीं होगी। रेलवे बोर्ड ने रिकवरी पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इससे रेलवे के करीब 10 हजार रेलकर्मियों के चेहरे पर खुशी के भाव देखे जा रहे हैं।

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जुलाई 2017 से वसूली का जारी किया गया था निर्देश

रेलवे बोर्ड ने 29 सितंबर को जोनल कार्यालयों को पत्र लिखकर एक अक्टूबर 2020 से रात्रिभत्ता कटौती के साथ ही  जुलाई 2017 से रिकवरी का भी आदेश जारी कर दिया था। पूर्वोत्तर रेलवे में रिकवरी की प्रक्रिया शुरू होने पर कर्मचारी संगठनों की तरफ से आंदोलन शुरू कर दिया गया। उन्‍होंने काम न करने की चेतावनी दे दी थी। संगठनों की चेतावनी के बीच चल रहे आंदोलन ने जहां विभाग के लोगों को परेशान कर दिया था वहीं रेल कर्मचारी भी उक्‍त निर्देश से काफी परेशान रहे। दैनिक जागरण ने इसे प्रमुखता से उठाते हुए 28 अक्टूबर के अंक में रात्रि भत्ता बंद, भड़के रेलकर्मी आंदोलन की राह पर शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।

रेल बोर्ड के सामने पहुंचा मामला तो हुई समीक्षा

मामला बोर्ड तक पहुंचा तो समीक्षा शुरू हो गई। फिलहाल, रिकवरी पर रोक का आदेश आते ही पूर्वोत्तर रेलवे के टिकट चेङ्क्षकग स्टाफ (टीटीई), लोको पायलट, गार्ड, स्टेशन मास्टर और रेल लाइनों पर कार्य करने वाले ट्रैकमैन, गेटमैन और प्वाइंटमैन के पद पर कार्य करने वाले करीब 10 हजार रेलकर्मियों के चेहरे पर खुशी लौट आई है।

रेलवे के निर्णय का हुआ स्‍वागत

इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन के संरक्षक टीएन पांडेय और रमेश चंद्र मिश्रा ने निर्णय का स्वागत किया। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) के प्रवक्ता एके ङ्क्षसह ने बताया के नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे के महामंत्री डा एम राघवैया ने बोर्ड के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई थी। एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्ता ने आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने बोर्ड के समक्ष इस मामले को उठाया था। 


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