गोरखपुर, जागरण संवाददाता। देशभर के धार्मिक और पर्यटक स्थलों के बीच चलने वाली भारत गौरव ट्रेनों को संचालित करने के लिए रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे से भी 23 पुराने कोचों (आइसीएफ) को चिन्हित किया है। जिसमें गोरखपुर में 20 से 25 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले 11 स्लीपर और एक एसी थर्ड तथा काठगोदाम में 11 स्लीपर कोच चिन्हित हैं। भारत दर्शन यात्रा की तर्ज पर चलने वाली भारत गौरव ट्रेनें 15 से 25 वर्ष आइसीएफ कोचों से ही चलाई जाएंगी। 20 वर्ष तक के आइसीएफ कोच कंडम घोषित कर दी जाती हैं।
आइसीएफ कोचों से देशभर के धार्मिक और पर्यटक स्थलों के बीच चलाई जाएंगी भारत गौरव ट्रेनें
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) की भारत दर्शन यात्रा ट्रेनों की तरह भारत गौरव ट्रेनों को संचालित करने की जिम्मेदारी निजी कंपनियों के हाथों में होगी। लोको पायलट, गार्ड और संचालन रेलवे करेगा। जबकि, अन्य व्यवस्था आइआरसीटीसी की तरह निजी फर्म करेगी। इस नई व्यवस्था से भारतीय रेलवे के पुराने कोचों का उपयोग तो होगा ही, पर्यटन के लिए लोगों को नई अतिरिक्त ट्रेनें भी मिल जाएंगी। नई ट्रेनों के चल जाने से लोगों के पर्यटक व धार्मिक स्थलों के भ्रमण की राह आसान हो जाएगी। फिलहाल, रेलवे बोर्ड ने कोचों की व्यवस्था के लिए सभी जोनल कार्यालयों और महाप्रबंधकों को पत्र लिख दिया है।
देशभर में लगभग 150 एक्सप्रेस ट्रेनों को निजी हाथों में देने की तैयारी
जानकारों के अनुसार रेल मंत्रालय देशभर में लगभग 150 एक्सप्रेस ट्रेनों को भी निजी हाथों में देने की योजना तैयार की है। लेकिन कंपनियों से बात नहीं बन पा रही। हालांकि, रेल मंत्रालय इसको लेकर लगातार दबाव बनाए हुए हैं। ऐसे में अब निजी कंपनियों के माध्यम से पर्यटक ट्रेनें चलाने की योजना तैयार किया है। ताकि, निजी फर्में ट्रेनों के संचालन क्षेत्र में प्रवेश कर सकें और आने वाले दिनों में यात्री ट्रेनों को भी संचालित करने जिम्मेदारी संभाल सकें। फिलहाल, रेल मंत्रालय ने भारत गौरव ट्रेनों को संचालित करने के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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