दो दुकानों पर मिलीं बिना बिल की नशीली गोलियां
शासन के निर्देश पर नशीली दवाओं के खिलाफ खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने जांच की।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : शासन के निर्देश पर नशीली दवाओं के खिलाफ खाद्य एवं औषधि प्रशासन का छापामार अभियान शुरू हो गया है। टीम ने दवा की थोक मंडी भालोटिया मार्केट में छापा मारकर एल्प्रोजोलाम, स्पास्मोप्राक्सीवान, एविल टेबलेट और एविल इंजेक्शन बरामद की है। इन दवाओं का बिल न मिलने पर इन्हें सीज करने के साथ ही संबंधित दुकानों से इनकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
सोमवार सुबह कमिश्नर गोरखपुर मंडल अमित गुप्ता से अनुमति लेने के बाद गोरखपुर मंडल के औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी (डीएलए) प्रभात तिवारी, ड्रग इंस्पेक्टर संदीप कुमार भालोटिया मार्केट पहुंचे। महादेव मेडिकल एजेंसी पर टीम ने जांच शुरू की। यहां स्पास्मोप्राक्सीवान कैप्सूल, एविल टेबलेट, एविल इंजेक्शन मिले। टीम ने बिल मांगा तो वह नहीं दिखा सके। इस पर इन दवाओं को सीज कर दिया गया। इसके बाद टीम अनंत इंटरप्राइजेज पर पहुंची। यहां भारी मात्रा में एल्प्राजोलाम टेबलेट मिली। यहां भी बिल न दिखाने पर टीम ने सीज कर दिया।
डीएलए प्रभात तिवारी ने बताया कि 25 हजार रुपये से ज्यादा की दवाएं दोनों दुकानों से सीज की गई हैं। दुकानदार इन दवाओं का बिल नहीं दिखा सके। इसके अलावा बिल-बाउचर में भी कई तरह की गड़बड़ियां मिली हैं। दोनों दुकानदारों को नोटिस दी जाएगी। नीले कैप्सूल की जबरदस्त बिक्री
नीला कैप्सूल नाम से बाजार में मांगे जाने वाले स्पास्मोप्राक्सीवान का इस्तेमाल पेट दर्द की दवा के रूप में किया जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल नशे के रूप में होने लगा था। इसके बाद कंपनी ने इस दवा का मालीक्यूल बदल दिया। डेक्ट्रामार्फेन नाम की दवा को हटा दिया गया। इसके बाद इस दवा में नशे का कोई मालीक्यूल नहीं रह गया, लेकिन अब भी भारी संख्या में युवा इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। यही वजह है कि बाजार में बिना बिल इस कैप्सूल को ब्लैक में बेचा जा रहा है। एल्प्राजोलान नारकोटिक्स ग्रुप की दवा है। एविल इंजेक्शन और एविल टेबलेट को ज्यादा मात्रा में लेने पर नशा होता है।