CBSE 12th Results 2020: अंक बरसे तो मूल्यांकन प्रणाली पर ही उठने लगे सवाल Gorakhpur News
CBSE 12th Results 2020 सीबीएसई बोर्ड के इंटर परीक्षाफल में हिंदी अंग्रेजी जैसे विषयों में शत प्रतिशत अंक मिलने के बाद इसके मूल्यांकन प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। सीबीएसई के सोमवार को घोषित बारहवीं के नतीजे चौकाने वाले हैं। कोरोना संकट के दौरान आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित परिणाम में 95 फीसद से अधिक अंक पाने वाले छात्रों की संख्यां में 120 फीसद की वृद्धि से बोर्ड की मूल्यांकन प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। हिंदी, फिजिकल एजुकेशन व अंग्रेजी जैसे प्रश्न पत्रों में सौ में सौ फीसद अंक मिलना शिक्षाविदों के पल्ले नहीं पड़ रहा। सभी के जेहन में यही सवाल कौंध रहा है कि क्या यह वाकई में छात्रों की काबिलियत पर नंबर मिले हैं या फिर बोर्ड की उदारता का नतीजा है। शिक्षाविद् केंद्रीय बोर्ड व राज्य स्तरीय बोर्ड के मूल्यांकन में असंतुलन न सिर्फ चिंता का विषय है बल्कि मूल्यांकन के स्तर पर भी सवाल खड़ा करता है।
शिक्षाविदों ने कहा, बोर्ड को मूल्यांकन प्रणाली पर विचार करने की जरूरत
सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर विशाल त्रिपाठी कहते हैं कि कोरोना के कारण इस बार शिक्षकों ने कॉपियों का मूल्यांकन घर पर किया है। शिक्षकों ने छात्रों को नंबर देने में उदारता बरती है। मूल्यांकन का निरीक्षण न होने के कारण भी इस तरह की स्थिति पैदा हुई है। सरस्वती शिशु मंदिर सीनियर सेकेंड्री स्कूल के शिक्षक अरङ्क्षवद कुमार ङ्क्षसह कहते हैं कि बोर्ड को मूल्यांकन प्रणाली पर ध्यान देने की जरूरत है। गणित में सौ में सौ फीसद अंक मिलना तो समझ में आता है, लेकिन अन्य विषयों में पूरे नंबर मिलना सवाल खड़ा करता है।
छात्रों को इतने अधिक नंबर मिलना मूल्यांकन प्रणाली, कुछ परीक्षकों व अभिभावकों की नंबर के प्रति बढ़ती हुई महत्वाकांक्षा का दोष है। एक ही देश में एक ही स्तर की परीक्षा में मेधावी छात्रों के नंबर में इस तरह का अंतर छात्रों के साथ-साथ देश व समाज का दीर्घकालिक नुकसान करेगा। राज्य स्तरीय बोर्ड व केंद्रीय बोर्ड के मूल्यांकन में इतना असंतुलन ङ्क्षचता का विषय है। इस परिणाम से तो यही प्रतीत होता कि विद्यार्थी डॉ. राजेंद्र प्रसाद से अधिक प्रतिभाशाली हो गए हैं, जिनके बारे परीक्षक ने लिखा था कि परीक्षक से परीक्षार्थी अ'छा है। - प्रो. चित्तरंजन मिश्र, पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी, गोविवि
छात्रों के विलक्षण प्रतिभा पर खुशी हो रही है, लेकिन हिंदी व अंग्रेजी जैसे विषय में शत-प्रतिशत अंक प्राप्त करना एवं कुछ छात्रों द्वारा सभी विषयों में पूर्ण अंक प्राप्त करना सीबीएसई की मूल्यांकन प्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। ऐसे छात्र जिनमें हुनर तो है पर किसी कारणवश उनके प्राप्तांक कम हो गए हैं, वे कुंठा के शिकार होंगे। बोर्ड को अंक देने की अपनी प्रणाली पर नए सिरे से विचार करना होगा। - डॉ. अमित कुमार उपाध्याय, सहायक आचार्य, गोविवि।