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Pulwama Terror Attack : जानें, शहीद की विधवा ने सीएम से ऐसा क्‍या कहा कि फफक पड़ा पूरा गांव

शहीद विजय की पत्नी विजय लक्ष्मी ने रुंधे गले से सीएम से कहा कि भले ही आप एक मिनट के लिए ही आइए नहीं तो बेटी के साथ जान दे देंगे। यह बात सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग फफक पड़े।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 11:33 AM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 09:49 AM (IST)
Pulwama Terror Attack : जानें, शहीद की विधवा ने सीएम से ऐसा क्‍या कहा कि फफक पड़ा पूरा गांव
Pulwama Terror Attack : जानें, शहीद की विधवा ने सीएम से ऐसा क्‍या कहा कि फफक पड़ा पूरा गांव

गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया में मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को शहीद विजय के अंतिम संस्कार में बुलाने की मांग पर अड़ी शहीद की पत्नी विजय लक्ष्मी से कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मोबाइल पर बात कराया। इस दौरान शहीद की पत्नी दहाड़ मारने लगीं और रुंधे गले से सीएम से कहा कि भले ही आप एक मिनट के लिए ही आइए, लेकिन आइए। नहीं आने पर हम शव उठने नहीं देंगे और बेटी के साथ जान दे देंगे। विजय लक्ष्‍मी की यह बात सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग फफक पड़े।

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जब विजय लक्ष्मी सीएम से बात कर रही थीं तब प्रभारी मंत्री उन्हें ढांढस बंधा रही थीं। उनकी भी आंखें भर आईं और वह उन्हें समझाने लगीं। बाद में उन्होंने शहीद की पत्नी को आश्वस्त किया कि हम सीएम से बात करेंगे। वह जरूर आएंगे।

फोन कटने के बाद लगभग आधे घंटे तक प्रभारी मंत्री शहीद की पत्नी को समझाने में जुटी रहीं और हर मांग पूरी कराने की बात कहती रहीं। इस दौरान शहीद की बेटी आराध्या को मंत्री ने पुचकारा और शहीद की पत्नी को अपने हाथों से पानी पिलाया।

कई बार मुख्यमंत्री से शहीद की पत्नी से हुई बात

शहीद की पत्नी मुख्यमंत्री के आने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात कह रही है। शनिवार को कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दो बार बात मुख्यमंत्री से कराया। जबकि इसके बाद प्रभारी मंत्री अनुपमा जायसवाल ने भी मुख्यमंत्री से शहीद की पत्नी की बात मोबाइल पर बात कराई, लेकिन शहीद की पत्नी उनको घर आने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि भरोसा रखिए, सरकार आपके साथ है। उधर देर रात तक परिवार के सदस्यों को कैबिनेट मंंत्री व प्रभारी मंत्री के साथ ही विधायक भी वापस लौट गए। जबकि देर रात तक जिलाधिकारी व एसपी समेत अन्य अधिकारी परिवार के सदस्यों को समझाने में जुटे हुए थे।

शहीद के पिता को वृद्धा व भाभी को विधवा पेंशन देगी सरकार

शहीद के गांव छपिया जयदेव पहुंची प्रभारी मंत्री अनुपमा जायसवाल ने शहीद के पिता से मुलाकात कर बताया कि आपको वृद्धा पेंशन और शहीद की भाभी को सरकार विधवा पेंशन देगी। इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। साथ ही उन्होंने शहीद के घर तक बनने वाले सड़क का नाम भी शहीद विजय मौर्य के नाम पर रखे जाने की बात बताई। प्रभारी मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री आज नहीं आ पा रहे हैं। बीच में आ सकते हैं। हम सभी उनके प्रतिनिधि के रूप में यहां आए हैं। आगे जो भी उनका दिशा-निर्देश होगा उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।

शहीद के बड़े भाई ने मांगी दो नौकरी

गांव पहुंचे शहीद के बड़े भाई अशोक मौर्या ने कहा कि सरकार शहीद की पत्नी विजय लक्ष्मी व शहीद की भाभी दुर्गा को नौकरी दे। उन्होंने सहायता राशि बढ़ाए जाने की भी मांग की। उन्होंने सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।

तिरंगा लेकर गांव पहुंची युवाओं की टोली

सुबह से ही शहीद के गांव दर्जनों युवाओं की टोली तिरंगा झंडा लेकर पहुंचने लगी। बताया जा रहा है कि इनमें बिहार से भी युवाओं की टोली आई। सभी पाकिस्तान के विरुद्ध नारेबाजी कर तिरंगा लहरा रहे थे। युवाओं द्वारा अभी तक पाकिस्तान के पांच पुतले फूंके जा चुके हैं।

कैबिनेट मंत्री ने कहा, हम सभी आपके साथ

देसही की विजय लक्ष्मी की शादी 2014 में सेना के जवान विजय से हुई। हमेशा विजय पताका फहराने वाले विजय के शहीद होने के बाद शुक्रवार की रात कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही शहीद के घर पहुंचे और परिवार के लोगों से मुलाकात की। शनिवार को दोपहर बाद भी घर पहुंचे और शहीद की पत्नी विजय लक्ष्मी से मुलाकात की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने विजय लक्ष्मी से कहा कि हम आपके व आपके परिवार के साथ हमेशा रहेंगे।

सपना पूरा करने का किया वादा

बरहज के विधायक सुरेश तिवारी शहीद विजय कुमार के घर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पत्नी से शहीद का सपना पूछा तो विजय लक्ष्मी ने कहा कि उनका एक ही सपना था कि बेटी को पढ़ाकर डाक्टर बनाएंगे, ताकि वह गरीब लोगों की सेवा कर सके। इस पर बरहज विधायक ने कहा कि बेटी आराध्या को पढ़ाने की जिम्मेदारी हमारी है। डाक्टर बनने में जितना खर्च होगा, हम देंगे, जबकि रामपुर कारखाना विधायक कमलेश शुक्ल ने शहीद की दो भतीजियों के पढ़ाई व खर्च उठाने का आश्वासन दिया। 


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