Pulwama Terror Attack : चार वर्ष के बेटे ने जब दी मुखाग्नि...पीड़ा का अहसास कर रो पड़ी तराई
महराजगंज में शहीद जवान के चार वर्ष के पुत्र प्रतीक संग माता, पिता, पत्नी व छोटे भाई की पीड़ा का अहसास कर नदी में रहने वाले जीव-जंतु भी व्याकुल हो उठे और घाट व नदी यंग पूरी तराई रो पड़ी।
गोरखपुर, कौशल त्रिपाठी। महराजगंज के रोहिन नदी के त्रिमोहानी घाट पर शहीद पंकज कुमार त्रिपाठी की चिता सजते ही हर आम व खास की आंखें सजल हो गईं। रोहिन नदी के शांत जल में मानो हाहाकार मच गया। शहीद के चार वर्ष के पुत्र प्रतीक संग माता, पिता, पत्नी व छोटे भाई की पीड़ा का अहसास कर नदी में रहने वाले जीव-जंतु भी व्याकुल हो उठे और घाट व नदी यंग पूरी तराई रो पड़ी। शहीद पंकज कुमार त्रिपाठी का अंतिम संस्कार किए जाने से पहले शहर समेत पूरे जिले में जनाक्रोश देखने को मिला और चहुंओर पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे सुनाई दिए।
बच्चों, नौजवानों संग हर उम्र के लोगों ने पाकिस्तान संग आतंकियों की कायराना हरकतों के खिलाफ भड़ास निकाली और ईंट का जवाब गोली से देने की मांग की। कहा कि आतंकियों का सहयोग करने वाले पाक का भूगोल बदलने के लिए सेना को खुली छूट दी जाए। बता दें कि फरेंदा थाना अंतर्गत ग्राम हरपुर के टोला बेलहिया निवासी ओम प्रकाश त्रिपाठी के बड़े पुत्र पंकज कुमार त्रिपाठी जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राज मार्ग पर गोरीपोरा के पास गुरुवार को आत्मघाती हमले में शहीद हो गए थे। पार्थिव शरीर लेकर आए सैनिकों ने बताया कि परिचय पत्र, मोबाइल व बैग से पंकज त्रिपाठी समेत सभी 40 जवानों की शिनाख्त हुई। किसी तरह छत-विछत शरीर के हिस्सों को एकत्र कर ताबूत में रखा गया। इसी कारण शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचने पर भी ताबूत नहीं खोला गया।
हर आंख में आंसू, चेहरे पर गुस्सा
तराई के वीर सपूत पंकज त्रिपाठी को खोने का गम हर शख्स को साल रहा है। उनके घर बेलहिया का मंजर काफी हृदय विदारक रहा। हर आंखों में आंसू और चेहरे पर गुस्सा दिखा। एक तरफ जहां लोग परिजनों को ढांढस बंधा रहे थे, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगा सुरक्षा में छेद पर सवाल उठाए। हर डबडबाई आंखों में जुदाई का दर्द है। वह इसके बदले पूरा पाकिस्तान की मांग कर रहे हैं।
युवकों की टोलियों ने लहराया तिरंगा
फरेंदा थाना अंतर्गत बेलहिया में चंदन, शमशेर सहित एक दर्जन युवक शहीद के सम्मान में तिरंगा लहराते रहे और गांव में भ्रमण कर देश के लिए शहीद हुए इस लाल की गाथा सुनाते रहे।
जहां तक जाती निगाहें, वहां तक नजर आते रहे लोग
शहीद के घर से लेकर घाट तक जहां देखिए लोगों का रेला ही नजर आता रहा। पार्थिक शरीर भैया फरेंदा, पिपरामौनी, विधायक चौराह, हरपुर होते हुए बेलहिया पहुंचा। इसके बाद अंत्येष्टि के लिए फरेंदा कस्बे, अंबेडकर तिराहे, छतही चौराह, करहिया, सोनबरसा, महदेवा, भैसहिया होते हुए त्रिमुहानी घाट पहुंचा। जहां चहुंओर जनसैलाब उमड़ा रहा।
अंतिम दर्शन के लिए खूब हुई धक्का-मुक्की
बेलहिया में शहीद पंकज के पार्थिक शरीर को देखने के लिए लोग धक्का-मुक्की करते रहे। इस दौरान सेना के जवानों और प्रशासन को काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ा।
सहानुभूति के दो शब्द पर फूट पड़े चाचा
महराजगंज के बेलहिया में शहीद का शव पहुंचते चाचा रवींद्र त्रिपाठी की आंखे नम रहीं, लेकिन जैसे ही विधायक बजरंग बहादुर ङ्क्षसह ने सहानुभूति के दो शब्द बोल उन्हें ढांढस बंधाने की कोशिश कि तो रवींद्र उनसे लिपटकर फफक कर रो पड़े। इस दृश्य से मर्माहत विधायक की भी आंखे डबडबा गई और किसी तरह से अपने आप को संभाला।
बचेंगे नहीं गुनहगार : शिव प्रताप
शहीद सीपीआरएफ जवान पंकज कुमार त्रिपाठी के अंतिम संस्कार के पहले रोहिन नदी के त्रिमोहानी घाट पर शनिवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि शहीद जवानों के बहे लहू के एक-एक कतरे का हिसाब लिया जाएगा। देश की सेना आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। हमें अपनी सेना की बहादुरी पर पूरा भरोसा है। सांसद पंकज चौधरी ने कहा कि आतंकियों के समूल नाश के लिए सरकार संकल्पित है और जवानों की शहाद का प्रतिकार लेने के लिए कदम बढ़ा चुकी है। आतंकियों के सफाए के बाद ही सैन्य कार्रवाई रुकेगी।
प्रभारी मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि एक भी गुनहगार बचने नहीं पाएगा। हमले का माकूल जवाब हमारी सेना देगी। प्रधानमंत्री ने सेना को पलटवार करने की छूट दे दी है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि सभी शहीदों के परिवार का सरकार हर संभव मदद करेगी। परिवार के एक सदस्य को नौकरी के साथ ही 25 लाख की सम्मान राशि व शहीद की पत्नी को एक एकड़ कृषि योग्य भूमि आवंटित किया जाएगा। इस अवसर पर सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया, फरेंदा के विधायक बजरंग बहादुर ङ्क्षसह, नपा के चेयरमैन कृष्ण गोपाल जायसवाल आदि जनप्रतिनिधियों, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद पंकज कुमार त्रिपाठी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।