स्कूली बच्चों को मैग्जीन पढ़ाने के लिए एप की व्यवस्था, शिक्षकों को पता ही नहीं Gorakhpur News
गत सप्ताह प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग ने प्राइमरी और अपर प्राइमरी क्लास के छात्रों के लिए ई-मैगजीन की अवधारणा लाने के लिए टाटा ट्रस्ट से करार किया है।
गोरखपुर, जेएनएन। जनपद में लाइब्रेरी खिड़की एप को लेकर महकमा सुस्त है। जिले के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक जहां अभी भी इससे अनभिज्ञ हैं वहीं उनका कहना है कि अभी तक इसको लेकर हमें कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है। हालांकि इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तत्काल अमल करने के लिए काफी निर्देश जारी कर दिया गया है। बहरहाल अभी तक इस बारे में किसी तरह की कोई चर्चा तक नहीं की गई है।
छात्रों के लिए शिक्षा विभाग ने किया है करार
गत सप्ताह प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग ने प्राइमरी और अपर प्राइमरी क्लास के छात्रों के लिए ई-मैगजीन की अवधारणा लाने के लिए टाटा ट्रस्ट से करार किया है। लाइब्रेरी खिड़की नाम की इस ई-मैगजीन में 3 से 14 साल की उम्र के बच्चों के लिए कविता और कहानियों के रूप में सामग्री दी गई है। ई-लर्निग की यह सामग्री टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो के रूप में उपलब्ध होगी, जो माता-पिता और शिक्षकों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और दीक्षा एप के माध्यम से उपलब्ध होगी।
बोले शिक्षक-विभाग से नहीं मिला कोई दिशा निर्देश
प्राथमिक विद्यालय आराजी बसडीला पिपराइच के प्रधानाध्यापक आशुतोष कुमार सिंह का कहना है कि अभी तक एप को लेकर विभाग से कोई निर्देश नहीं मिला है। जिसके कारण इसका प्रयोग कैसे व किस रूप में करना है इसकी जानकारी नहीं हो पा रही है। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के साथ ही विस्तृत जानकारी देने की जरूरत है, जिससे बच्चे लाभान्वित हो सके। जबकि सहायक अध्यापाक प्रमोद कुमार सिंह का कहना है कि इस एप के विषय में हमें कोई जानकारी नहीं है। यदि विभाग जानकारी व निर्देश देगा तो इसे अमल में लाया जाएगा।
शीघ्र जारी होंगे निर्देश
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह का कहना है कि लाइब्रेरी खिड़की एप को लेकर जल्द ही स्कूलों को निर्देश दिए जाएंगे, ताकि शिक्षक इसका उपयोग कर सकें और अधिक से अधिक बच्चों को लाभान्वित कर सकें।