मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने भरी हुंकार
जिला पंचायत सदस्य सुरेश चंद साहनी ने कहा कि चानकी घाट पुल की सड़क को पिच कराने तथा रास्ते में पडऩे वाले कास्तकारों की भूमि का मुआवजा देने में जिला प्रशासन अड़ंगा लगा रहा है। किसान दस साल से अपनी जमीन का मुआवजा मांग रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जिले की बहुप्रतीक्षित चानकी घाट पुल के एप्रोच मार्ग में पडऩे वाले भूमि का मुआवजा न मिलने से किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। भूमि का मुआवजा एवं चानकी से कजरी तक की कच्ची सड़क को पिच कराने की मांग को लेकर रविवार को किसानों ने चानकी घाट पर प्रदर्शन किया। किसानों ने जिला प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगा जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी।
इस मौके पर बोलते हुए जिला पंचायत सदस्य सुरेश चंद साहनी ने कहा कि चानकी घाट पुल की सड़क को पिच कराने तथा रास्ते में पडऩे वाले कास्तकारों की भूमि का मुआवजा देने में जिला प्रशासन अड़ंगा लगा रहा है। किसान दस साल से अपनी जमीन का मुआवजा मांग रहे हैं, लेकिन प्रशासन कान में तेल डालकर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन चेतावनी देते हुए कहा कि जनता के सब्र का इम्तहान लिया जा रहा है। जिस दिन जनता का गुस्सा फूटा उस दिन आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से किसानों की भूमि सड़क में प्रयोग हो रही है। उस भूमि पर हम खेती करते थे, लेकिन जिला प्रशासन हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है।
क्षतिग्रस्त एप्रोच को ठीक कराने की मांग
उन्होंने कहा कि बाढ़ से एप्रोच क्षतिग्रस्त हो गया, उसकी मरम्मत कराई जाए। बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा दिया जाए एवं बौद्ध स्थल बनरसिंहा को विकसित किया जाए। जिससे जिले में धर्मावलंबियों का आगमन हो। बैठक का संचालन जितेंद्र आर्य ने किया। इस दौरान रवींद्र जैन, ओमप्रकाश मौर्य, रामकेवल निषाद, किसान रामविभूति चौहान, रमाशंकर निषाद, रामकिशुन, कवलपत्ती, विद्या देवी, शिवलाल, रामदरस, हरिद्वार, अंगद चौहान सहित तमाम लोग मौजूद रहे।