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कचरे से प्रदूषित हो रहा हिरण्यवती नदी का संरक्षित क्षेत्र

बौद्ध भिक्षु महेंद्र भंते ने कहा कि बुद्धकालीन हिरण्यवती नदी प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण लुप्तप्राय हो चुकी है। शहर का गंदा पानी और कूड़ा करकट डालकर इसका अस्तित्व मिटाने का कार्य किया जा रहा है। इसे लेकर बौद्ध अनुयाइयों में काफी रोष है।

By Edited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 06:18 AM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 06:18 AM (IST)
कचरे से प्रदूषित हो रहा हिरण्यवती नदी का संरक्षित क्षेत्र
कचरे से प्रदूषित हो रहा हिरण्यवती नदी का संरक्षित क्षेत्र

कुशीनगर, जेएनएन। कुशीनगर नगरपालिका प्रशासन के लिए हेरिटेज जोन और ग्रीन लैंड, वेट लैंड का कोई मतलब नहीं रह गया है। यह पूरी तरह संरक्षित क्षेत्र होता है। यहां न तो निर्माण हो सकता है और न कही गंदगी फैलाई जा सकती है, बावजूद शहर का कूड़ा करकट, नालियों का मलबा हिरण्यवती नदी के संरक्षित क्षेत्रों में डंप किया जा रहा है। इससे यह प्रदूषण की समस्या गंभीर हो रही है। हाईवे व नदी से सटे करुणा सागर पुल के पास शहर का कूड़ा करकट डंप किया जा रहा है। यह क्षेत्र ग्रीन जोन व हेरिटेज जोन में आता है। नदी से नालों को जोड़कर शहर का गंदा पानी भी गिराया जा रहा है। पूर्व में लोगों ने इसकी कई शिकायत भी दर्ज कराई है। प्रशासन स्थिति सुधारने के बजाय खुद ही नई समस्या पैदा कर रहा है। सबसे बड़ी बात कि डं¨पग ग्राउंड चिह्नित है, लेकिन नपा कर्मचारी दूरी अधिक होने के कारण वहां कूड़ा नहीं गिरा रहे हैं। इस स्थिति से लोगों विशेषकर बौद्ध अनुयाइयों में रोष है। बौद्ध भिक्षु महेंद्र भंते ने कहा कि बुद्धकालीन हिरण्यवती नदी प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण लुप्तप्राय हो चुकी है। शहर का गंदा पानी और कूड़ा करकट डालकर इसका अस्तित्व मिटाने का कार्य किया जा रहा है। इसे लेकर बौद्ध अनुयाइयों में काफी रोष है। बुद्ध पीजी कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. डीएस तिवारी बुद्धकालीन हिरण्यवती नदी की दुर्दशा से काफी आहत हैं। कहा कि शासन और प्रशासन से इस ऐतिहासिक नदी की संरक्षण की बात तो की जाती है पर उसका पालन नहीं किया जाता। एनजीटी ने दी है नोटिस कुशीनगर नगरपालिका प्रशासन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा नोटिस के बाद भी सुधार नहीं कर रहा। एनजीटी की गठित ईस्टर्न यूपी रिवर्स एंड वाटर रिजरवार्यस मॉनिट¨रग कमेटी ने कुशीनगर की हिरण्यवती व कुकुत्था नदी की सेटेलाइट मै¨पग कर दो महीने में रिपोर्ट देने को कहा है। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए कमेटी ने डीएम या एडीएम स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का आदेश दिया है। मॉनिट¨रग कमेटी ने यह आदेश गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं पूर्वांचल नदी मंच के संयोजक प्रो. राधेमोहन मिश्र द्वारा इन नदियों और तालों पर अतिक्रमण, अविरलता में बाधा की शिकायत पर दिया है। अधिशासी अधिकारी प्रेमशंकर गुप्त ने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण डं¨पग ग्राउंड में पानी भर जाने से समस्या खड़ी हुई है। एक अन्य स्थल की तलाश की जा रही है। शीघ्र ही व्यवस्था की ली जाएगी।

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