Move to Jagran APP

पूर्वांचल में भारत बंद का व्यापक असर, दुकानें बंद कर सड़क पर उतरे लोग

एससीएसटी एक्ट के विरोध में पूर्वांचल के अधिकांश जिलों में स्वत: स्फूर्त बंद रहा। लोगों ने सड़क पर उतर कर एक्ट का विरोध किया, दुकानें भी बंद रहीं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 12:31 PM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 06:45 PM (IST)
पूर्वांचल में भारत बंद का व्यापक असर, दुकानें बंद कर सड़क पर उतरे लोग
पूर्वांचल में भारत बंद का व्यापक असर, दुकानें बंद कर सड़क पर उतरे लोग

गोरखपुर (जेएनएन)। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सवर्ण समाज के भारत बंद के दौरान गोरखपुर, बस्ती मंडल में गुरुवार को लोग सड़कों पर उतरे। गोरखपुर में लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। मुख्य बाजार गोलघर समेत शहर की अधिकांश दुकानें बंद रहीं। छात्र-छात्राओं और सर्वण समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाल कर एक्ट में संशोधन का विरोध किया। लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

loksabha election banner

पूर्व घोषित बंद के कारण शहर में अधिकांश दुकानें स्वत: नहीं खुलीं। इक्का-दुक्का दुकानें खुलीं भी तो लोगों के सड़क पर उतरने के बाद वह भी बंद हो गईं। सवर्ण समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाल कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार वोट के लिए सवर्णों का उत्पीड़न कर रही है। सेंट एंड्रयूज डिग्री कालेज के विद्यार्थियों ने जुलूस निकाल कर कहा कि एक्ट संशोधन अन्यायपूर्ण है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, देवरिया, महराजगंज व कुशीनगर में भी बंद का व्यापक असर रहा। कुशीनगर में कुछ बाजार पूरी तरह से बंद रहे, कुछ क्षेत्रों में दुकानें खुली रहीं। सिद्धार्थनगर में बंदी के कारण अधिकांश जगहों पर दुकानें बंद रहीं। पथरदेवा में समाज को बांटना बंद करो, मरे नही हैं मौन हैं जैसे नारे लगाते हुए लोगों ने जुलूस निकाला।

गोरखपुर में आंदोलन को जबरदस्त जनसमर्थन मिला। एक साथ लामबंद होकर सड़क पर उतरे सामाजिक, गैर सरकारी संगठन, छात्रों और व्यापारियों के संगठनों ने सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। इस दौरान दुकानें, बाजार बंद रहे। सरकारी कार्यालयों और जनता से जुड़ी अन्य व्यवस्थाएं प्रभावित न हों तथा कहीं किसी तरह की अराजकता की स्थिति न हो इसके लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात रहा। 

गोरखपुर मे राष्ट्रवादी पार्टी, सवर्ण समाज पार्टी, भारत विकास पार्टी, व्यापारी संगठनों के सदस्य सुबह दस बजे से ही आंदोलन को सफल बनाने की रणनीति तैयार करने में जुट गए थे। अलग-अलग जगहों से निकले संगठन के पदाधिकारी और सदस्य दोपहर तक गोलघर में इकट्ठा हुए और जुलूस की शक्ल में सरकार के विरोध में नारेबाजी की। सवर्ण समाज के लोगों को बड़ी संख्या में सड़क पर देखकर बाजार में इक्का दुक्का खुली दुकानें भी बंद हो गईं। गोलघर में ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। इसके बाद जुलूस सिनेमा रोड होते हुए विजय चौक पहुंचा। आंदोनल के समर्थन में यहां के व्यापारी अपनी दुकानें बंदकर बाहर आ गए। दोपहर तक जगह-जगह प्रदर्शन और विरोध जारी रहा। देवरिया में विभिन्न संगठनों द्वारा जुलूस निकाला निकाला गया, कलेक्ट्रेट में सवर्ण मोर्चा व अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन कर जिलाधिकारी अमित कुमार को पत्रक सौपा।

सिद्धार्थनगर में कई जगहों पर लोग सड़कों पर उतरे। उक्त कानून को काल कानून बताते हुए कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट के कई असंवैधानिक प्रावधानों को खत्म कर दिया तो फिर सरकार को संसद में कानून नहीं बनाना चाहिए था। जिलाधिकारी समेत संबंधित तहसील के एसडीएम को ज्ञापन देते हुए अध्यादेश वापस लेने की मांग की गई। लोगों ने चेतावनी दी कि अगर अध्यादेश को वापस नहीं लिया गया तो फिर बड़ा आंदोलन किया जायेगा।

चूड़ी लेकर सांसद आवास पहुंचे लो ग
कुशीनगर के कसया दीवानी व तहसील न्यायालय के अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध दर्ज कराया। दीवानी न्यायालय में बैठक के बाद संघ के अध्यक्ष राकेश तिवारी के नेतृत्व में अधिवक्ता चूड़ी लेकर सांसद राजेश पांडेय के आवास पहुंचे। हलांकि सांसद आवास पर कोई माौजूद नहीं था। इसके बाद अधिवक्ताओं ने वहां सरकार विरोधी नारा लगाते हुए इस विधेयक को वापस लेने की मांग की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.