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राजू श्रीवास्तव ने खूब जमाया रंग, लोटपोट हुए दर्शक

कॉमेडी के बेताज बादशाह राजू श्रीवास्त ने मगहर महोत्‍सव में खूब रंग जमाया। कार्यक्रम में उन्होंने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं। राजू की प्रस्‍तुतियों पर दर्शक लोटपोट हुए।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 01:42 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 09:33 AM (IST)
राजू श्रीवास्तव ने खूब जमाया रंग, लोटपोट हुए दर्शक
राजू श्रीवास्तव ने खूब जमाया रंग, लोटपोट हुए दर्शक

गोरखपुर, जेएनएन। मगहर महोत्‍सव में कॉमेडी के बेताज बादशाह राजू श्रीवास्त ने खूब रंग जमाया। कार्यक्रम में उन्होंने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं। सामाजिक व्यवस्था पर तंज कसा तो राजनीति पर भी निशाना साधा। गणमान्य अतिथियों की मौजूदगी में हुए इस कार्यक्रम ने महोत्सव को नई ऊंचाइयां भी प्रदान की।

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देर शाम खचाखच भरे पंडाल में राजू श्रीवास्तव जैसे ही मंच पर चढ़ें लोगों ने उनका स्वागत किया। राजू ने भी अपने चिरपरिचित अंदाज में सभी का अभिवादन किया। इसके बाद शुरू हुई उनकी एक से बढ़कर प्रस्तुतियों ने लोगों को खूब हंसाया, गुदगुदाया। इस मौके पर बस्ती मंडल के मंडलायुक्त अनिल सागर, आइजी बस्ती रेंज आशुतोष कुमार, जिलाधिकारी भूपेंद्र एस. चौधरी, मुख्य विकास अधिकारी हाकिम सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

कल्पना की गीतों पर झूमे लोग

महोत्सव की पांचवे दिन बुधवार की रात वालीबुड गायिका कल्पना ने गीतों से समां बांधा। गीत-संगीत पर देर रात तक श्रेता आनंद लेते रहे। भोजपुरी गीतों पर सभी झूमते रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सुप्रसिद्ध गायिका ने कबीर निर्गुण कौनो ठगवा नगरिया लूटल हो व हम त हईं नैहर के रसीली लोगवा पागल कहे ला ना लोगवा पागल कहेला गीत गाकर किया। इसके पश्चात गंगा जमुनी तहजीब को पेश करते हुए इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब की नातपाक या नबी सलाम अलैका को अपने खूबसूरत अंदाज में पेश किया। लोकप्रिय गीत ए गणेश के पापा की प्रस्तुति की तो श्रोताओं ने कर्तल ध्वनि से सराहा।

पचरा, लोकगीत, छठ गीत, फिल्मी व अन्य गीतों पर वाहवाही लूटी। ए गो नेबुआ दो चार गो मिर्ची लटका ला चोटी में व पानी भरे गइली रामा, नीक लाके मरद भोजपुरिया सखी गाकर माहौल को रंगीन बना दिया। महोत्सव समिति की तरफ से सीडीओ हाकिम ङ्क्षसह ने सपत्नी, नगर पंचायत चेयरमैन संगीता वर्मा ने प्रतीक चिह्न देकर कलाकारों को सम्मानित किया। शांतनु, काकुल, राजा, विष्णु, ढोलक, सुनील व विजय वाद्य यंत्रों पर संगत की।

चिरपरिचित आवाज बनीं डा. अनीता सहगल वसुंधरा

महोत्सव में पहली बार अपनी मधुर आवाज में मंच का संचालन कर रहीं प्रसिद्ध एंकर डा आनिता सहगल वैसे तो किसी परिचय की मोहताज नहीं। प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भी वो बतौर एंकर कार्य कर चुकी हैं। मगहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के बाद ये उनका दूसरा अवसर है जब वो श्रोताओं के बीच एक अच्छा संचालन प्रस्तुत करने में सफल हैं।

मूलत: वाराणसी की निवासी डॉ. अनीता सहगल ने बताया कि लगभग दस वर्ष पूर्व उन्होने कैरियर को शुरुआत की और उन्हें प्रदेश में पहली बहुमुखी महिला सम्मान प्राप्त है और वर्तमान में वह शिक्षा क्षेत्र में 32 डिग्रियां हासिल कर चुकी हैं और अभी वह इलाहाबाद से वैदिक गणित लखनऊ से एमएड कर रही है। उन्होंने बताया कि एंकरिंग के साथ फिल्म क्षेत्र में कार्य करने के साथ वो पटकथा लेखन, कैरियर काउंसिलिंग,जजमेंट, रेडियो-टीवी, पेंटिंग, रंगोली, स्टेज डेकोरेटर्स सहित 22 विधाओं की जानकार हैं। उनको अबतक राष्ट्रपति द्वारा उप्र बेस्ट एंकर एवार्ड, राज्यपाल से बहुमुखी प्रतिभा सम्मान, श्रेष्ठ चित्रकार, फिल्मफेयर से यंग अचीवर, दादा साहब फाल्के अकादमी से वसुंधरा का खिताब मिल चुका है। शिक्षा क्षेत्र में लिम्का बुक में उनका नाम दर्ज है जल्द ही शिक्षा व प्राकृतिक निष्प्रयोज्य वस्तुओं से चित्रकारी, रंगोली बनाने के लिए गिनीज आफ वल्र्ड बुक रिकार्ड में उनका नाम दर्ज होने की संभावना है।


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