Lockdown 3: छूट के बाद भी गोरखपुर के पचास फीसद उद्योगों में नहीं शुरू हो पाया उत्पादन Gorakhpur News
लॉकडाउन के समय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। पर अभी तक 50 फीसद औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू नहीं हो पाया है।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के समय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। पर, अभी तक 50 फीसद औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू नहीं हो पाया है। मंडल में छोटी-बड़ी करीब 31 हजार से अधिक इकाइयां हैं, जिनमें से 14 हजार से अधिक संचालित हो चुकी हैं।
मंडलायुक्त ने की बैठक
मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर उद्योगों को शुरू कराने को लेकर कई बार बैठक कर चुके हैं। उद्योगों के न चलने के पीछे के असली कारणों को भी तलाश किया जा रहा है। मंडल के छोटे-बड़े सभी उद्योगों को चलाने के लिए उद्यमियों से सुझाव मांगे जा रहे हैं और उनकी समस्याओं को दूर कर उत्पादन शुरू करने को कहा जा रहा है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा), इंडस्ट्रियल इस्टेट, इंडस्ट्रियल एरिया में उद्यमियों को आसानी से अनुमति प्रदान कर दी गई। नए नियमों के तहत उद्यमी एक घोषणा पत्र देकर ही काम शुरू कर सकते हैं। कर्मचारियों के पास के लिए भी नहीं भटकना होगा।
उद्योगों को चलाने में आ रही ये समस्याएं
50 फीसद कर्मचारियों को ही बुलाने की छूट
कई इकाइयों के तकनीकी कर्मचारी दूसरे जिलों में फंसे हैं
कई उद्योगों के लिए नहीं मिल रहा बाजार
उत्पादन लागत बढऩे से भी हो रही समस्या
मंडल में उद्योगों का आंकड़ा
छोटे-बड़े कुल उद्योग : 31365
संचालित हो रहे उद्योग : 14441
शहर क्षेत्र में संचालित उद्योग : 3081
ग्रामीण क्षेत्र मे संचालित उद्योग : 3081
25 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले उद्योग : 5 फीसद
5 से 25 करोड़ टर्नओवर वाले उद्योग : 35 फीसद
पांच करोड़ से कम टर्नओवर वाले उद्योग : 60 फीसद
सभी उद्योगों को चलाने की कोशिश हो रही है। उद्यमियों से संपर्क कर उनकी समस्याएं जान रहे हैं और उसका निराकरण भी हो रहा है। जल्द ही सभी उद्योग शुरू हो जाएंगे। - आरके शर्मा, उपायुक्त उद्योग।
रिजेक्ट हो रहे ई पास, व्यापारी परेशान
लॉकडाउन के दौरान जिले में आठ तरह के ट्रेडों की दुकानें खोलने की अनुमति है। दुकान खोलने से पहले दुकानदारों को ई पास हासिल करना होगा। पर, व्यापारियों का आरोप है कि सभी मानक पूरा करने के बावजूद 75 फीसद आवेदन रिजेक्ट कर दिए जा रहे हैं। जबकि प्रशासन का कहना है कि जो आवेदन अनुमन्य आठ ट्रेडों के अलावा हैं, उन्हें ही रिजेक्ट किया जा रहा है। प्रतिदिन ढाई से तीन हजार आवेदन ई पास के लिए आ रहे हैं। स्टेशनरी, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, चश्मा, आटोमोबाइल पाट्र्स आदि ट्रेडों की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। व्यापारियों को आधार कार्ड, जीएसटीएन, पहचान पत्र आदि के साथ ई पास के लिए ऑनलाइन आवेदन करना है। एसडीएम सदर के कार्यालय से दुकानों के लिए ई पास जारी किए जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से इस कार्य के लिए 12 कर्मचारियों की ड्यूटी 24 घंटे लगाई गई है। रोज आने वाले आवेदनों में से मात्र 25 फीसद को ही पास जारी हो पा रहा है। अन्य व्यापारी पास न मिलने से दुकान नहीं खोल पा रहे। व्यापारी नेता रमेश चंद्र गुप्त का कहना है कि अनुमन्य ट्रेडों वाली दुकानों को भी पास जारी नहीं हो पा रहे हैं।
रोज बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं। 24 घंटे उसकी निगरानी की जा रही है। इस समय कोई आवेदन लंबित नहीं है। या तो ई पास जारी हो रहा है या फिर मानक पर न होने के कारण रिजेक्ट। जिनके आवेदन निरस्त हो रहे हैं, उनके ट्रेड अनुमन्य नहीं हैं। - गौरव सिंह सोगरवाल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर।