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टैक्स चोरी के लिए निजी गाड़‍ियों का किया जा रहा व्यवसायिक इस्तेमाल Gorakhpur News

बस्ती जिले में परिवहन महकमे की सरपरस्ती में निजी गाड़‍ियों का धड़ल्ले से व्यवसायिक इस्तेमाल हो रहा है। पांच व सात सीटर लग्‍जरी वाहन को निजी वाहन के रूप में पंजीकृत कराकर किसी कंपनी या सरकारी संस्थान में किराये पर लगाकर मोटी रकम कमाई जा रही है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 02:30 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 02:30 AM (IST)
टैक्स चोरी के लिए निजी गाड़‍ियों का किया जा रहा व्यवसायिक इस्तेमाल Gorakhpur News
निजी गाड़‍ियों का किया जा रहा व्यवसायिक इस्तेमाल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : बस्ती जिले में परिवहन महकमे की सरपरस्ती में निजी गाड़‍ियों का धड़ल्ले से व्यवसायिक इस्तेमाल हो रहा है। पांच व सात सीटर लग्‍जरी वाहन को निजी वाहन के रूप में पंजीकृत कराकर किसी कंपनी या सरकारी संस्थान में किराये पर लगाकर मोटी रकम कमाई जा रही है। इनकी संख्या तकरीबन 400 है जो सुबह से रात तक व्यवसायिक कार्यों में लगे हुए है। इस तरह जिले में बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी की जा रही है और जिम्मेदार तमाशबीन की भूमिका में हैं।

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कई गाड़ि‍यां चल रही बुकिंग पर

रोडवेज के पास नेहरू चौक के निकट बड़ी संख्या में ऐसे निजी वाहन के रूप में पंजीकृत बोलेरो, कई कंपनियों की कार, स्कार्पियो, सफारी, क्रेटा आदि गाड़‍ियां बुकिंग पर चलने के लिए मौजूद रहतीं हैं। इन गाड़ि‍यों को कोई भी जाकर बुक करा सकता है, जबकि नियमानुसार निजी वाहन बुकिंग या किराये पर नहीं चल सकते हैं। इसी प्रकार बारात के लिए बुकिंग की जाने वाली गाड़‍ियों में भी अधिकांश निजी वाहन शामिल होते हैं।  हाईवे के बड़े वन चौराहे पर तमाम निजी वाहन, लखनऊ तक के लिए सवारी भरते नजर आ जाएंगे। परिवहन विभाग के पास ऐसी शिकायतें भी आ रही हैं कि बड़ी संख्या में निजी वाहनों का प्रयोग व्यवसायिक तरीके से किया जा रहा है। लोग निजी वाहन खरीदकर सवारी वाहन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके बाद भी परिवहन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है।

व्यवसायिक वाहनों को तिमाही देना होता है रोड टैक्स

व्यवसायिक वाहन के रूप में दर्ज नान एसी वाहनों को 660 रुपये प्रति सीट के दर से हर तिमाही रोड टैक्स देना पड़ता है, जबकि एसी वाहनों को 990 रुपये प्रतिसीट के हिसाब के टैक्स जमा करना पड़ता है। चालक के सीट का टैक्स नहीं लगता। वहीं एमवी एक्ट के तहत यदि कोई निजी वाहन व्यवसायिक रूप में प्रयोग होते पाया गया तो उस पर बिना परमिट सवारी ढोने के मामले में एमवी एक्ट की धारा 207 के तहत कार्रवाई की जाती है। इसमें उसका वाहन जब्त कर थाने में खड़ा करवा लिया जाता है। इसके बाद उस पर धारा 56 के तहत पंजीकरण निलंबन या रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है।

यात्री कर अधिकारी की कमी से जूझ रहा विभाग

एआरटीओ प्रशासन अरुण प्रकाश चौबे ने कहा कि परिवहन विभाग लंबे समय से एआरटीओ प्रवर्तन, यात्रीकर अधिकारी की कमी से जूझ रहा है। इन दोनो के न रहने से प्रवर्तन कार्य प्रभावित हो रहा है। चेकिंग के दौरान यदि कोई निजी वाहन व्यवसायिक उपयोग में पाया गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।


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