निजी अस्पताल ने पांच घंटे इलाज के वसूले 35 हजार, परिजनों ने हंगामा किया तो पुलिस ने वापस कराए रुपये
निजी अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने दोपहर एक से शाम छह बजे तक मरीज के इलाज के नाम पर 35 हजार रुपये की धन उगाही की। इसे लेकर परिजनों ने अस्पताल के मुख्य गेट पर हंगामा किया।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के जेल बाईपास स्थित आरुही अस्पताल पर बुधवार की रात मरीज के परिजन ने जमकर हंगामा किया। उनका आरोप था कि अस्पताल प्रशासन द्वारा इलाज के नाम पर मनमाना रुपया मांगा जा रहा था। उन्होंने अस्पताल के एक कर्मचारी पर मारपीट का भी आरोप लगाया। बाद में सूचना पर पहुंची पुलिस ने अस्पताल के एक कर्मचारी को हिरासत में ले लिया है। वह घटना से जुड़े सभी बिंदुओं की जांच कर रही है।
दुर्घटना में घायल होने के बाद आया था अस्पताल
कुशीनगर जिले के हाटा थाना के गवनर के रहने वाले छह वर्षीय अमन दुर्घटना में घायल हो गया। बच्चे के इलाज के लिए मेडिकल कालेज रेफर किया गया था, लेकिन एंबुलेंस कर्मियों ने उसे आरुही अस्पताल पहुंचा दिया। परिजन ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने दोपहर एक से शाम छह बजे तक मरीज के इलाज के नाम पर 35 हजार रुपये की धन उगाही की। इसे लेकर परिजनों ने अस्पताल के मुख्य गेट पर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मारपीट करने वाले अस्पताल के कर्मचारी को हिरासत में ले लिया है। पुलिस कर्मचारी से पूछताछ कर रही है।
पांच घंटे के इलाज के लिए करीब 35 हजार का बिल बना दिया है। मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते हैं। एंबुलेंस कर्मियों व हाटा क्षेत्र के स्थानीय डाक्टरों की मिलीभगत के चलते मरीज को आरुही अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। - गायत्री देवी, परिजन।
आए दिन अस्पताल पर मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं। अधिक बिल वसूलने की शिकायत रहती है। इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी को अधिक बिल वसूलने जाने व मारपीट की घटनाएं होने के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई जा चुकी है। - सुनील कुमार गुप्ता, चौकी प्रभारी पादरी बाजार।
स्वजन मरीज को लेकर मेडिकल कालेज चले गए है। यदि तहरीर मिलेगी तो मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। दो माह पहले भी हंगामा होने पर मुख्य चिकित्साधिकारी को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। - सुधीर सिंह , प्रभारी निरीक्षक।
100 नंबर को सूचना होने के बाद मरीज के स्वजनों से बात की गई। अधिक पैसे वसूले जाने को लेकर शिकायत थी । चौकी इंचार्ज की मौजूदगी में शुल्क माफ कर दिया गया है। - विकास सिन्हा, संचालक, आरुही अस्पताल।