UP : यह है बिना जैमर वाली जेल, यहां बंदियों का चलता है राज Gorakhpur News
महराजगंज की जेल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधियों के इस जेल में होने के बाद भी जेल की सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम नहीं है।
महराजगंज, जेएनएन। महराजगंज जेल की सुरक्षा भगवान भरोसे है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधियों के इस जेल में होने के बाद भी जेल की सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम नहीं है। प्रदेश की अधिकांश जेलों में जैमर लग चुका है, लेकिन महराजगंज जेल में जैमर न लगने से कैदियों द्वारा जेल के अंदर मोबाइल फोन के प्रयोग से इंकार नहीं किया जा सकता। जेल में समय-समय पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा औचक जांच भी कराई जाती है, लेकिन समय पूर्व जांच पड़ताल की भनक लगने से वह अपने मंसूबे में कामयाब हो जाते हैं। 550 की क्षमता वाली महराजगंज जेल में 848 बंदियों व कैदियों की उपस्थिति भी जेल प्रशासन के लिए समस्या का कारण बनी हुई है।
जेल से मामला मैनेज करा रहे कुख्यात अपराधी
महराजगंज जेल में बंद पश्चिम यूपी के कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना द्वारा कुछ दिनों पूर्व ग्रेटर नोएडा के अपने एक खास सिपाही को फोन कर भूमि संबंधित एक विवाद के मामले में संबंधित पक्ष को धमकी दिलाई गई थी। महकमे द्वारा जब सिपाही के फोन की जांच कराई गई तो उसे निलंबित कर दिया गया।
नौ विदेशी सहित पश्चिम यूपी के कुख्यात अपराधी हैं बंद
महराजगंज जेल में नौ विदेशी बंदियों के साथ ही पश्चिम यूपी के अनिल दुजाना, अंकित गुर्जर, सोनू सोमपाल, रनवीर, मुकेश की मौजूदगी है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की सुविधा तो उपलब्ध है, लेकिन संबंधित न्यायालयों में यह सुविधा न होने से भारी सुरक्षा के बीच बंदियों को पेशी पर ले जाया जाता है।
तीन बार दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है कैदी वाहन
बीते दिनों पेशी पर गया अनिल दुजाना का वाहन आगरा एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है। पेशी पर ले जाते समय अंकित गुर्जर का वाहन भी दो बार फैजाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना की परिस्थिति देखकर आशंका व्यक्त की जा रही है कि संबंधित बदमाशों के गुर्गाें द्वारा ही दहशत फैलाने के लिए यह दुर्घटना कराई गई थी।
महराजगंज जेल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजात किए गए हैं। नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाता है। नियमित जांच पड़ताल कर सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती जाती है। - एके सिंह, जेल अधीक्षक, महराजगंज
गोरखपुर जेल भेजा गया गुजरात का बंदी
हत्या के मामले में जिला कारागार में तीन वर्ष से बंद गुजरात के एक बंदी को गोरखपुर जेल में शिफ्ट किया गया है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर बंदी को शिफ्ट किया गया, ताकि गोरखपुर जेल में रहकर वह अपना इलाज करा सके। गुजरात का रहने वाला उदय 32 ट्रक चलाता था। तीन वर्ष पहले जिले में हुई एक हत्या के मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। आरोपित की जमानत नहीं हो पाई। जेल में वह बीमार पड़ गया। उसे ले जाने में काफी दिक्कत हो रही थी। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उदय को गोरखपुर जेल में शिफ्ट किया गया है । हालांकि उसकी सेहत में सुधार नहीं हो पा रहा है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक एके सिंह ने कहा कि मेडिकल आधार पर बंदी का ट्रांसफर किया गया है , ताकि गोरखपुर जेल में रहकर वह अपना उपचार करा सके।