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प्रतिदिन 32 हजार क्विंटल गन्ना खरीदेंगी चीनी मिलें : प्रमुख सचिव

यूपी के प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर भूसरेड्डी ने कहा कि सभी मिलें प्रतिदिन 32500 क्विंटल गन्ना खरीद के लिए पर्ची निकालते हुए गन्ना खरीदें।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 10:46 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 04:35 PM (IST)
प्रतिदिन 32 हजार क्विंटल गन्ना खरीदेंगी चीनी मिलें : प्रमुख सचिव
प्रतिदिन 32 हजार क्विंटल गन्ना खरीदेंगी चीनी मिलें : प्रमुख सचिव

गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज की गड़ौरा चीनी मिल से जुड़े किसानों के गन्ने की खरीद निर्धारित छह चीनी मिल करेंगी। सभी मिलों के जिम्मेदार प्रतिदिन 32500 क्विंटल गन्ना खरीद के लिए पर्ची निकालते हुए गन्ना की खरीद भी सुनिश्चित करें। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं होगी।

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यह बातें रविवार की रात प्रमुख सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर भूसरेड्डी ने निचलौल तहसील सभागार में अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व  मिल से जुड़े जिम्मेदारों की बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन जारी होने वाली पर्ची के सापेक्ष हो रही खरीद पर भी जिम्मेदार अपनी नजर रखें। रायपुर में लगने वाले कांटे को अब मिल गेट पर लगाकर खरीद प्रारंभ की जाएगी। मिल में एक अन्य कांटे को भी कप्तानगंज मिल को आवंटित करते हुए खरीद के निर्देश दिए गए हैं। उम्मीद है कि उस पर भी जल्द ही क्रय प्रारंभ होगा। किसानों के बकाए गन्ना मूल्य के भुगतान व चीनी मिल को चलाने का प्रयास होगा।

इस दौरान सांसद पंकज चौधरी, विधायक जयमंगल कन्नौजिया, संयुक्त गन्ना आयुक्त समिति डा. बीबी सिंह, संयुक्त गन्ना आयुक्त क्रय विश्वेश कन्नौजिया, डीएम अमरनाथ उपाध्याय, एसपी रोहित ङ्क्षसह सजवान, उपायुक्त डा. आरबी राम, जिला गन्ना अधिकारी जगदीश यादव समेत मिल से जुड़े जिम्मेदार मौजूद रहे।

अंदर बैठक करते रहे प्रमुख सचिव, बाहर किसान करते रहे हंगामा

गन्‍ना मूल्‍य भुगतान व गड़ौरा चीनी मिल चलाने को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसानों का आक्रोश रविवार को फूट पड़ा। तहसील निचलौल के सभागार में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय आर भूसरेड्डी अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे और बाहर सैकड़ों किसानों ने जम कर हंगामा किया।

किसानों ने शाम को तहसील सभागार घेर लिया और शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की । किसानों के बढ़ते आक्रोश को थामने के लिए पांच थानों की पुलिस पहुंच गई पर किसानों के तेवर कमजोर नहीं पड़े। किसानों ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी हमारी समस्या का समाधान करने से कतरा रहे हैं। करीब 44 करोड़ रुपये बकाए का भुगतान कराने में भी अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं और मिल मालिक के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव को किसानों की समस्या सुनने के लिए भेजा था पर प्रमुख सचिव किसानों से मिले तक नहीं और जिले के अधिकारियों के साथ बैठक करने चले गए। किसानों को बाहर रोक कर प्रमुख सचिव के अंदर बैठक करने के कारण किसानों में आक्रोश भड़का और नारेबाजी शुरू हो गई। किसानों के तेवर देख बैठक में शामिल अधिकारी सहम गए हैं। जबकि पांच थानों की फोर्स किसानों को समझा कर शांत कराने में जुटी रही।


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