चिलमा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार
अस्पताल परिसर में उग गए हैं घास समय से नहीं आते चिकित्सक व कर्मी
जागरण संवाददाता, दुबौलिया हर्रैया, बस्ती : ग्रामीण क्षेत्रों की चिकित्सा सेवा पटरी पर नहीं लौट पा रही है। दुबौलिया ब्लाक के चिलमा में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) खुद बीमार हो गया है। यहां चिकित्सक व कर्मी मनमाना आते और जाते हैं। जरूरी दवाएं तक अनुपलब्ध नहीं है। मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल परिसर में घास उगे हैं। वार्ड की खिड़कियां टूटी हैं। मुख्य गेट से प्रवेश करते ही अव्यवस्था दिखाई देने लगती है। साफ-सफाई के अभाव में परिसर में चहुंओर गंदगी नजर आती है। सोमवार को जागरण ने पीएचसी में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। 11.15 तक चिकित्सक अस्पताल में नहीं पहुंचे थे। फार्मासिस्ट ध्रुवचंद्र चौधरी मरीजों का पर्चा बना रहे थे। दवा वितरण का कार्य भी इन्हीं के जिम्मे है। बताया कि 12 मरीजों को वह दवा वितरित कर चुके हैं। बैरागल से आई जमरून्निशा और सफरून्निशा व बड़ोसर गांव से आई नाजनी चिकित्सक के इंतजार में सुबह 9 बजे से ही फर्श पर बैठी हुई थीं। पूछने पर बताया कि चिकित्सक का इंतजार कर रहे है।
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प्रसव में लापरवाही, जच्चा-बच्चा असुरक्षित
प्रसव कक्ष में भी लापरवाही दिखी। संक्रमण को नजरंदाज करते हुए घरेलू कपड़े में ही एक नवजात को रखा गया था। प्रसूता के बेड पर चादर तक नहीं थी। प्रसव के लिए आई गर्भवती कंचना के स्वजनों ने बताया कि अस्पताल की तरफ से कुछ नहीं मिला है। दवा भी बाहर से ही लेना पड़ा है।
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अस्पताल से जरूरी दवाएं गायब : अस्पताल में खांसी, गैस के सीरप, दर्द के लिए मरहम व पट्टी जैसी जरूरी दवाएं उपलब्ध नहीं है। डा. डीके चौधरी ने फोन पर बताया कि ट्रेनिग के लिए जिला कार्यालय गए हुए हैं। जबकि सीएचसी दुबौलिया के अधीक्षक डा. राजेंद्र जायसवाल ने बताया कि उनको इसकी जानकारी नहीं है।