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Mustard Oil Price: आसमान पहुंचा सरसों तेल का भाव, मात्र बीस दिन में इतना बढ़ गया मूल्य

Mustard Oil Price Increase Latest Prize सरसों तेल का भाव एक बार फिर आसमान पहुंच गया है। इस बार यह भाव रूस यूक्रेन युद्ध की आड़ में कालाबाजारियों ने बढ़ाया है। सरसों व रिफाइंड तेल की कीमतों में बीस दिन के भीतर पैंतीस रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाेत्तरी हुई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 08 Mar 2022 09:02 AM (IST)Updated: Wed, 09 Mar 2022 07:23 AM (IST)
Mustard Oil Price: आसमान पहुंचा सरसों तेल का भाव, मात्र बीस दिन में इतना बढ़ गया मूल्य
Mustard Oil Rate Latest Hindi News: सरसों तेल की कीमतों में फिर भारी इजाफा हुआ है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, प्रभात कुमार पाठक। Mustard Oil Price in Gorakhpur: सरसों तेल की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। पंद्रह से बीस दिन पहले तक 140 रुपये प्रति लीटर वाला रिफाइंड अब 170-175 रुपये के भाव बिक रहा है। बाजार में तेल के पर्याप्त स्टाक के बाद भी फुटकर व्यापारियों को माल नहीं मिल रहा है। या फिर मिल भी रहा है तो उसके बदले मनमानी कीमत वसूली जा रही है।

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यूक्रेन संकट बहाना, मुनाफाखोरी की भेंट चढ़ा खाद्य तेल

बाजार से जुड़े जानकारों के अनुसार रुस व यूक्रेन सनफ्लावर, सोया व पाम आयल के बड़े निर्यातक देश हैं युद्ध शुरू अभी महज ग्यारह दिन हुए हैं। कारोबारियों के अनुसार तेल कंपनियों के पास तीन महीने का तक का स्टाक रहता है। ऐसे में तेल के भाव आसमान छूने का कारण कालाबाजारी व मुनाफाखोरी है। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते आगामी दिनों में कारोबार पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए कालाबाजारी सक्रिय हो गए हैं। आयात बंद दिखाकर मुनाफाखोरों ने सनफ्लावर और पाम आयल के दाम बढ़ा दिए हैं।

तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन लंबा युद्ध चला तो संकट बढ़ेगा। फिलहाल पंद्रह दिनों में तेल के भाव में 30 से 35 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुके हैं। इसका प्रमुख कहीं न कहीं जमाखोरी भी है। - दीपक सिंह, बशारतपुर।

वैश्विक अर्थव्यवस्था पर युद्ध के प्रभाव के कारण मुद्रास्फीति और महंगाई प्रभाव खाद्य तेलों के दामों पर पड़ रहा है। इसके अलावा स्थानीय स्तर जमाखोरी के कारण भी तेल के भाव आसमान छू रहे हैं। इसको लेकर प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। - प्रवीण गौतम, मोहद्दीपुर।

मौजूदा समय में बाजार में पाम आयल, रिफाइंड व सोयाबीन रिफाइंड आदि खाद्य तेलों की कोई कमी नहीं है। यूक्रेन-रसिया युद्ध के बाद एक बैठक में प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं कि देश में खाद्य तेल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। फैक्ट्री के स्तर से ही आपूर्ति न सिर्फ कम है बल्कि मूल्य वृद्धि भी वहीं से हो रही है। अहम बात यह है कि जब नया माल विदेशों से आयात नहीं हुआ है तो फिर अचानक दाम वृद्धि का सिर्फ एक ही कारण हो सकता है जमाखोरी व मुनाफाखोरी - संजय सिंहानिया, अध्यक्ष, चेंबर आफ कामर्स।

बड़े उद्योगपति जमाखोरी व मुनाफाखोरी करते हैं और उसकी आंच छोटे थोक व फुटकर कारोबारियों पर आती है। थोक व फुटकर कारोबार माल न मिलने के कारण परेशान हैं। यही वजह कि लगातार भाव आसमान छू रहे हैं। शासन-प्रशासन को इसमें रुचि लेकर आमजन के हित जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए। - आनंद गुप्ता, थोक कारोबारी।

ऐसे बढ़ी कीमतें

खाद्य तेल बीस दिन पहले वर्तमान कीमत।

सोयाबीन 140 रुपये प्रति लीटर 170 रुपये प्रति लीटर।

पाम आयल 120 रुपये प्रति लीटर 152 रुपये प्रति लीटर।

सूरजमुखी 138 रुपये प्रति लीटर 180 रुपये प्रति लीटर।

सरसों 168 रुपये प्रति लीटर 175 रुपये प्रति लीटर।


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