गोरखपुर में अगले माह आएंगे राष्ट्रपति, आयुष विश्वविद्यालय का करेंगे शिलान्यास
प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का 28 अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शिलान्यास कर सकते हैं। आयुष विश्वविद्यालय के लिए कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग ने 299.87 करोड़ रुपये का डीपीआर बनाया है। माना जा रहा है कि अब बहुत जल्द इस डीपीआर को मंजूरी मिल सकती है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का 28 अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शिलान्यास कर सकते हैं। इसी दिन महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय का भी राष्ट्रपति लोकार्पण कर सकते हैं। शिलान्यास व लोकार्पण समारोह के बाद राष्ट्रपति सभा को भी संबोधित कर सकते हैं। राष्ट्रपति के गोरखपुर में तीन दिन रुकने की संभावना है।
विश्वविद्यालय के निर्माण पर खर्च होगा 299.87 करोड़
आयुष विश्वविद्यालय के लिए कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) ने 299.87 करोड़ रुपये का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाया है। माना जा रहा है कि अब बहुत जल्द इस डीपीआर को मंजूरी मिल सकती है। पिछले दिनों गोरखपुर दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जल्द ही राष्ट्रपति आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास कर सकते हैं।
शिलान्यास के साथ शुरू हो जाएगा निर्माण कार्य
शिलान्यास के तत्काल काम शुरू होगा। आयुष विश्वविद्यालय में महाविद्यालयों की संबद्धता और प्रशासनिक कार्य इसी सत्र से शुरू होंगे। शिक्षण कार्य सत्र 2022-23 से शुरू होगा। विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
52 एकड़ में बनेगा विश्वविद्यालय
भटहट ब्लाक के तरकुलही और पिपरी में 52 एकड़ जमीन पर आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण किया जाएगा। चार जुलाई को मुख्यमंत्री ने आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण की समीक्षा की थी। महायोगी गुरु गोरक्षनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण की पिछले साल ही मंजूरी मिल गई थी। बजट में इसके लिए 10 करोड़ रुपये का प्राविधान भी किया गया था।
जिले के तीसरे निजी विश्वविद्यालय का होगा लोकार्पण
सदर तहसील के सोनबरसा और सिक्टौर गांव में बने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का यदि 28 अगस्त को राष्ट्रपति लोकार्पण करते हैं तो यह जिले का तीसरा विश्वविद्यालय होगा। 22 अप्रैल को राज्यपाल ने प्रदेश में तीन निजी विश्वविद्यालयों के संचालन का अध्यादेश जारी किया था। इसमें महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय भी शामिल है। विश्वविद्यालय में 30 से अधिक रोजगार परक पाठ्यक्रमों के संचालन की योजना बनाई गई है।