गोरखपुर में राप्ती किनारे दूधिया रोशनी में होगी सचित्र रामायण, चल रही तैयारी Gorakhpur News
गोरखपुर में बर्डघाट रामलीला मैदान बहुत जल्द बदले स्वरूप में नजर आएगा। इसे सजाया जाएगा। पर्यटन विभाग इसके लिए तैयारी कर रहा है।
By Edited By: Published: Sun, 30 Jun 2019 10:30 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 03:38 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। बर्डघाट रामलीला मैदान बहुत जल्द बदले स्वरूप में नजर आएगा। अब यह मैदान सिर्फ दशहरे के दौरान ही उत्सवी नहीं दिखेगा बल्कि पूरे वर्ष वहां रामायण सा आध्यात्मिक माहौल तैयार रहेगा। शासन से मिले निर्देश और गाइड लाइन के मुताबिक पर्यटन विभाग ने उसके संरक्षण और सुंदरीकरण की तैयारी शुरू कर दी है। शासन ने इसके लिए डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है।
एडीएम सिटी कमेटी के उपाध्यक्ष और एसडीएम सदर सदस्य सचिव हैं। संस्कृति विभाग के उप निदेशक और क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं। रामलीला मैदान ट्रस्ट के अध्यक्ष और उसकी ओर से नामित दो अन्य सदस्यों को भी कमेटी में रखा गया है। संरक्षण और सुंदरीकरण का खाका तैयार करने के लिए बैठक होने जा रही है। इसमें मैदान के संरक्षण और सुंदरीकरण में आने वाले खर्च पर मंथन होगा और इसके लिए कार्यदायी संस्था का चयन भी किया जाएगा। बर्डघाट रामलीला मैदान प्रदेश के उन 10 रामलीला मैदानों में शामिल है, जिसे संरक्षित करने का फैसला सरकार ने बीते दिनों लिया है।
भव्य प्रवेश द्वार के नाम अयोध्या, चित्रकूट, मिथिला, जनकपुरी और पंचवटी के नाम पर रखे जाएंगे। मैदान में रामलीला कलाकारों के लिए स्थायी मंच, चेंज रूम, ग्रीन रूम, टायलेट ब्लाक, पेयजल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मैदान की बाउंड्री के दोनों ओर रामायण के प्रसंग से जुड़ी कहानियां उकेरी जाएंगी। ऐसे सजेगा बर्डघाट रामलीला मैदान छह से आठ फीट ऊंची बाउंड्री बनाई जाएगी। सुचारु विद्युत आपूर्ति के लिए ट्रांसफार्मर, हाईमास्ट लाइट का इंतजाम होगा। किराए की रकम से होगा मेंटिनेंस एक बार रामलीला मैदान को सजा-संवारने के बाद प्रशासन उसे शपथपत्र लेने के बाद रामलीला ट्रस्ट को सौंप देगा। उसके बाद उसके मेंटिनेंस की जिम्मेदारी ट्रस्ट की होगी। ट्रस्ट मैदान को निजी कार्यक्रमों के लिए किराए पर दे सकेगा और प्राप्त धनराशि से उसका मेंटिनेंस करेगा। मैदान के आसपास नाली निर्माण और सफाई का इंतजाम नगर निगम करेगा।
एडीएम सिटी कमेटी के उपाध्यक्ष और एसडीएम सदर सदस्य सचिव हैं। संस्कृति विभाग के उप निदेशक और क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं। रामलीला मैदान ट्रस्ट के अध्यक्ष और उसकी ओर से नामित दो अन्य सदस्यों को भी कमेटी में रखा गया है। संरक्षण और सुंदरीकरण का खाका तैयार करने के लिए बैठक होने जा रही है। इसमें मैदान के संरक्षण और सुंदरीकरण में आने वाले खर्च पर मंथन होगा और इसके लिए कार्यदायी संस्था का चयन भी किया जाएगा। बर्डघाट रामलीला मैदान प्रदेश के उन 10 रामलीला मैदानों में शामिल है, जिसे संरक्षित करने का फैसला सरकार ने बीते दिनों लिया है।
भव्य प्रवेश द्वार के नाम अयोध्या, चित्रकूट, मिथिला, जनकपुरी और पंचवटी के नाम पर रखे जाएंगे। मैदान में रामलीला कलाकारों के लिए स्थायी मंच, चेंज रूम, ग्रीन रूम, टायलेट ब्लाक, पेयजल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मैदान की बाउंड्री के दोनों ओर रामायण के प्रसंग से जुड़ी कहानियां उकेरी जाएंगी। ऐसे सजेगा बर्डघाट रामलीला मैदान छह से आठ फीट ऊंची बाउंड्री बनाई जाएगी। सुचारु विद्युत आपूर्ति के लिए ट्रांसफार्मर, हाईमास्ट लाइट का इंतजाम होगा। किराए की रकम से होगा मेंटिनेंस एक बार रामलीला मैदान को सजा-संवारने के बाद प्रशासन उसे शपथपत्र लेने के बाद रामलीला ट्रस्ट को सौंप देगा। उसके बाद उसके मेंटिनेंस की जिम्मेदारी ट्रस्ट की होगी। ट्रस्ट मैदान को निजी कार्यक्रमों के लिए किराए पर दे सकेगा और प्राप्त धनराशि से उसका मेंटिनेंस करेगा। मैदान के आसपास नाली निर्माण और सफाई का इंतजाम नगर निगम करेगा।
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