गोरखपुर के सभी घरों में पेयजल पहुंचाने की तैयारी, बेसलाइन सर्वे शुरू
राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन की ओर से कराए जा रहे बेसलाइन सर्वे में टीम पीने के पानी के बारे में ग्रामीणों से जानकारी ले रही है। 31 मार्च 2024 तक हर घर में जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह सर्वे किया जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। सरकार ने अब गांव के सभी लोगों को पेयजल मुहैया कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत सर्वे शुरू हो गया है। गांवों में अब भी पीने के पानी और अन्य जरूरतों के लिए ग्रामीण हैंडपंप पर निर्भर हैं। नगर पंचायतों से जुड़े कुछ क्षेत्रों को छोड़ दें, तो पाइप लाइन से कहीं भी पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। यह निष्कर्ष सामने आया है राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन की ओर से कराए जा रहे बेसलाइन सर्वे (आधारभूत सर्वेक्षण) में ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच रही सर्वे टीम पीने के पानी के बारे में ग्रामीणों से जानकारी ले रही है। 31 मार्च 2024 तक 'हर घर में जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह सर्वे किया जा रहा है।
नौ हजार ग्रामीण दे चुके हैं जानकारी
जिले के नौ हजार ग्रामीण अब तक बेसलाइन सर्वे में शामिल हो चुके हैं। ज्यादातर ने हैंडपंप के पानी का इस्तेमाल करने की जानकारी दी है। सर्वे टीम को गांवों में पाइप लाइन से कहीं भी आपूर्ति नहीं दिख रही है।
मेधज टेक्नो कान्सेप्ट कर रही सर्वे
राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन ने बेसलाइन सर्वे का काम मेसर्स मेधज टेक्नो कान्सेप्ट प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। यह एजेंसी गोरखपुर के साथ ही वाराणसी, आजमगढ़, विंध्याचल, बस्ती व देवीपाटन मंडल में सर्वे कर रही है।
पैसे मांगने पर करें शिकायत
बेसलाइन सर्वे का काम पूरी तरह मुफ्त है। यदि कोई रुपये मांगे तो टोल फ्री नंबर 18003133245 पर शिकायत की जा सकती है।
इतने गांवों में होगा सर्वे
जनपद में कुल 2910 गांवों का सर्वे किया जाना है। इसके अलावा 6548 मजरे का भी सर्वे होगा। पेयजल के बारे में जनपद के 5.67 लाख ग्रामीणों से बात की जाएगी। अब तक इस संबंध में 9000 ग्रामीणों से बातचीत हो चुकी है। सर्वे और बातचीत पूरा करने के बादो महीने में रिपोर्ट शासन को प्रेषित करनी होगी।
मोबाइल एप के माध्यम से हो रहा सर्वे
मेधज के ग्रुप जनरल मैनेजर मानस त्रिपाठी के अनुसार मोबाइल एप के माध्यम से सर्वे किया जा रहा है। इसमें पानी की उपलब्धता के साथ ही बिजली, गैस कनेक्शन, शौचालय, पानी लाने के लिए कितनी दूर जाना पड़ता है, पानी महिला ले आती है या पुरुष आदि के बारे में ग्रामीणों से जानकारी ली जा रही है। सभी ग्राम प्रधानों से सर्वे में सहयोग को कहा गया है।