नानपारा-मैलानी छोटी रेल लाइन बंद करने की तैयारी, जानें-क्या है मामला Gorakhpur News
नानपारा-मैलानी छोटी रेल लाइन इस माह कभी भी बंद हो जाएगी। रेलवे प्रशासन ने वर्ष 1892 से 1900 के बीच लगभग लगभग 170 किमी बिछाई गई इस रेल लाइन की यादों को सहेजना शुरू कर दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण दुधवा नेशनल पार्क में अब ट्रेनों की छुक-छुक नहीं सुनाई देगी। आम यात्री पार्क में न ट्रेनों में सफर कर पाएंगे और न ही वन्य जीवों (टाइगर, हिरन और भालू आदि) को नजदीक से देख सकेंगे। करीब 120 साल पुराना ऐतिहासिक नानपारा-मैलानी छोटी रेल लाइन इस माह कभी भी बंद हो जाएगी।
170 किमी बिछाई गई है रेल लाइन
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने वर्ष 1892 से 1900 के बीच लगभग लगभग 170 किमी बिछाई गई इस रेल लाइन की यादों को सहेजना शुरू कर दिया है। इसके लिए डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जा रही है, जिसमें चल रही ट्रेनों, यात्रियों और आसपास विचरण करने वाले वन्य जीवों को भी शामिल किया गया है। रेल मार्ग पर स्थित 16 स्टेशनों और उसकी कार्य प्रणाली पर भी फिल्म शूट की जा रही है।
नई रेल लाइन तैयार
फिलहाल, रेलवे प्रशासन ने नानपारा- मैलानी छोटी लाइन को हमेशा के लिए बंद करने के फैसले से पहले विकल्प के रूप में लखीमपुर-मैलानी रेलमार्ग तैयार कर लिया है। जल्द ही इस रूट पर बड़ी लाइन की एक्सप्रेस ट्रेनें दौडऩे लगेंगी।
वन्य जीवों को संरक्षित करने के लिए कोर्ट ने दिया आदेश
दरअसल, दुधवा नेशनल पार्क में ट्रेनों से वन्य जीवों पर बढ़ रहे खतरे को न्यायालय ने संज्ञान लिया है। वन्य जीवों को पूरी तरह से संरक्षित करने के लिए कोर्ट ने पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन को इस रूट को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया है।
कोर्ट के आदेश के क्रम में हो रहा काम
इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि कोर्ट के आदेश के क्रम में मैलानी के लिए लखीमपुर- मैलानी वैकल्पिक रेल मार्ग तैयार हो गया है। टाइगर रिजर्व से होकर गुजरने वाली नानपारा-मैलानी रेलमार्ग पर ट्रेन की सेवाएं जल्द ही बंद कर दी जाएंगी।