बौद्ध पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होंगे 14 गांव, चल रही कयावद
भगवान बुद्ध की जन्म स्थली लुंबिनी से दस किमी दूर स्थिति कपिलवस्तु क्षेत्र के 14 गांवों को बौद्ध पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां पर्यटक बिहार परिसर ¨चतन-मनन उपवन बौद्ध बिहार मठ व मंदिर बनाए जाएंगे।
गोरखपुर, जेएनएन : भगवान बुद्ध की जन्म स्थली लुंबिनी से दस किमी दूर स्थिति कपिलवस्तु क्षेत्र के 14 गांवों को बौद्ध पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां पर्यटक बिहार परिसर, ¨चतन-मनन उपवन, बौद्ध बिहार, मठ व मंदिर बनाए जाएंगे। पुरातात्विक स्थल संरक्षित किए जाएंगे। इसके साथ ही क्षेत्र के शिक्षा, चिकित्सा सहित अन्य क्षेत्रों का भी विकास किया जाएगा। सारे कार्य कपिलवस्तु विशेष क्षेत्र विकास प्रधिकरण महायोजना -2021 के तहत होंगे। इसको शीघ्र मूर्त रूप देने की तैयारी है। विकास प्राधिकरण द्वारा कपिलवस्तु के विकास के लिए तैयार की गई इस महायोजना के तहत सेक्टर-ए मझौली ताल के पास 15.30 हेक्टेयर में तीन सितारा होटल बनाने का भी प्रस्ताव है। 100 मीटर की हरित पट्टी बनाने की योजना है। हस्तशिल्प कला केंद्र, विद्यालय, चिकित्सालय के साथ सार्वजनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। कपिलवस्तु को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए शासन द्वारा दस जून 1978 को विकास प्राधिकरण के गठन के लिए अधिसूचना जारी की गई थी। पांच जुलाई 1997 को शासन द्वारा क्षेत्र को कपिलवस्तु विशेष क्षेत्र विकास क्षेत्र घोषित किया गया। 22 जून 2007 को गजट पारित हुआ। तहसील के एक कमरे में विकास प्राधिकरण का दफ्तर दो जेई के भरोसे संचालित हो रहा है। यह गांव किए गए हैं चिह्नित -बर्डपुर नंबर एक, नंबर दो, पंचगावा, रक्सैल, महदेवा कुर्मी, ¨सहोरवा कुर्मी, बर्डपुर नंबर सात, बिहरी, तरैनी, पिपरसन, श्रीबेलवा, बर्डपुर नंबर छह, महदेइया, मरवटिया उर्फ मरचहवा है। 1981 की जनसंख्या के आधार पर इन गांवों में 2748 आवासीय मकान में 2818 परिवार रहते हैं। कुल जनसंख्या 15289 है। महायोजना तैयार की गई है। इसे मूर्त रूप देने की कवायद शुरू कर दी गई है। शासन से पत्राचार किया गया है। जल्द ही कार्य शुरू होने की संभावना है। पर्यटकों को लुभाने को विशेष तैयारी है। क्षेत्र का सर्वागीण विकास होगा। -उमेश चंद्र निगम, सचिव, कपिलवस्तु विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण