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गोरखपुर में कोरोना की थर्ड वेब से निपटने की तैयारी तेज, 120 डाक्‍टरों की टीम तैयार Gorakhpur News

आने वाले दिनों में कोरोनावायरस के तीसरे लहर से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। इसकी तैयारी के लिए यहां जिले में 120 पीडियाट्रिक डॉक्टरों की टीम अभी से ही तैयार बैठी है। वह हर मुकाबले को तैयार हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 01:45 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 01:45 PM (IST)
गोरखपुर में कोरोना की थर्ड वेब से निपटने की तैयारी तेज, 120 डाक्‍टरों की टीम तैयार Gorakhpur News
कोरोना से सामना करने को तैयार डाक्‍टरों के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की थर्ड वेब की आशंका और इंसेफेलाटिस से एक साथ निपटना स्वास्थ विभाग के लिए एक कड़ी चुनौती है। लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गोरखपुर जिले का स्वास्थ विभाग इसके लिए अभी से ही पूरी तरह तैयार हो चुका है। आने वाले दिनों में इस कड़ी चुनौती का सामना करने के लिए यहां जिले में 120 पीडियाट्रिक डॉक्टरों की टीम अभी से ही इस महामारी का सामना करने को तैयार बैठी है। ऐसे में इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता कि कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर को मात देने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आने वाले दिनों में संभावित समस्याओं को अभी से ही भाप लिया है।

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सीएम का इशारा समझ गए अधिकारी

दरअसल, अपने गोरखपुर दौरे के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ यहां जिला असपताल और मेडिकल कॉलेज में वेटिंलेटर पर पड़े बच्चों को देख भावुक हो गए थे। उन्होंने बिना किसी देरी के उसी वक्त यहां के स्वास्थ महकमे को तत्काल अलर्ट मोड पर आ जाने का इशारा भी कर दिया था। ऐसे में सीएम के निरीक्षण और समीक्षा बैठक के बाद ही सीएमओ ने इसकी तैयारियां जोरों पर शुरू कर दी। गोरखपुर जिले में काफी हद तक इसके लिए व्यवस्थाएं भी पूरी की जा चुकी हैं। शेष के लिए लगातार युद्ध स्तर पर काम जारी भी है।

सेना की तरह तैयार बैठी है डॉक्टरों की टीम

आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के पदाधिकारी डॉ. जेपी गुप्ता के मुताबिक कोरोना का थर्ड वेब बच्चों पर ज्यादा प्रभावी होगा, लेकिन इसके लिए जिले में पीडियाट्रिक डॉक्टरों का एक बड़ा बेड़ा पहले से तैयार है। बाल रोग विशेषज्ञ के रुप में जिले में 120 डॉक्टरों की टीम है। इनमें 12 जिला अस्पताल तो 9 बीआरडी मेडिकल कॉलेज में तैनात हैं। शेष अन्य जिले के सीएससी/पीएससी पर तैनात हैं या फिर प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर यह सभी सेना के जवानों की तरह इस महामारी को मात देने के लिए अभी से तैयार बैठे हैं। इसी तरह गगहा, चौरीचौरा और पिपरौली में भी इलाज के लिए तीन-तीन बेड के पीडियाट्रिक वेंटिलेटर वार्ड तैयार किए जा चुके हैं।


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