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ऑनलाइन तकरीर...साबरी ब्रदर्स की कव्वाली, बदल रही मोहर्रम की रवायत Gorakhpur News

मोहर्रम पर ऑनलाइन तकरीर व नात सुनने का भी क्रेज बढ़ रहा है। अधिकांश लोग घरों में यू ट्यूब पर ऑनलाइन तकरीर व कव्‍वाली सुन रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 03:30 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 09:26 AM (IST)
ऑनलाइन तकरीर...साबरी ब्रदर्स की कव्वाली, बदल रही मोहर्रम की रवायत Gorakhpur News
ऑनलाइन तकरीर...साबरी ब्रदर्स की कव्वाली, बदल रही मोहर्रम की रवायत Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। मोहर्रम के महीने का आगाज होते ही कर्बला की घटना को शिद्दत से याद किया जा रहा है। इमाम बारगाहों और घरों-मस्जिदों में कर्बला के शहीदों की याद में मजलिस हो रही हैं। इस बीच ऑनलाइन तकरीर व नात सुनने का भी क्रेज बढ़ा है। यू-ट्यूब और दूसरी वेबसाइटों पर देश-दुनिया के मशहूर उलेमा-ए-कराम की तकरीर आसानी से उपलब्ध है, जिससे नौजवानों के साथ बुजुर्ग व महिलाएं भी फायदा उठा रही हैं। तकरीर सुनने के लिए अब उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है।

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उन्नत टेक्नोलॉजी व इंटरनेट ने बहुत सी चीजों को आसान कर दिया है। यू-ट्यूब व अन्य मजहबी वेबसाइट के जरिए तारीख-ए-कर्बला पर डॉ.कल्बे सादिक, मौलाना कल्बे जव्वाद, कमरुज्जमा आजमी, मौलाना मन्नान रजा, जियाउल मुस्तफा, पीर शाकिब मुस्तफाई, पीर अजमल रजा, मुफ्ती मुजीब अशरफ, मौलाना फारुक खान रजवी, मदनी मियां, हाशमी मियां, नूरानी मियां, अमीनुल कादरी, मुफ्ती अंसारुल हक, हनीफ कुरैशी, सैयद इरफान शाह, मौलाना इलियास कादरी, कोकब नूरानी, मो.अशरफ हुसैन, खादिम हुसैन, शहंशाह हुसैन नकवी, सैयद अकील, आगा जावेद नकवी, तारिक जमील व सैयद फैजुल्लाह चिश्ती की तकरीर सुनना लोग पसंद कर रहे हैं।

कर्बला पर साबरी ब्रदर्स की कव्वाली

दूसरी तरफ असद इकबाल, ओवैस रजा, ताहिर कादरी, शादाब, पैकर, सोहराब कादरी, राही बस्तवी, साबिर बरकाती, महमूद-उल-हसन आदि की नात क्रेज लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है। कर्बला पर साबरी ब्रदर्स की कव्वाली भी घर-घर सुनी जा रही है।

तेज रफ्तार दौर में लोगों को दीनी आयोजन में शिरकत करने का मौका कम मिलता है। ऐसे में यू-ट्यूब व अन्य दीनी वेबसाइट से नात व तकरीर सुनने में सहूलियत हो जाती है। - मोहसिन खान, बडग़ो

इंटरनेट पर हर भाषा में तकरीर, नात, कव्वाली उपलब्ध है। एक क्लिक पर घर बैठे ही दुनिया की बेहतरीन नात व मर्सिया सुन सकते हैं। - रमजान अली, तुर्कमानपुर


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