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हरी सब्जियों के बाद काबू में आया आलू-प्याज, पचास रुपये से नीचे आए दाम Gorakhpur News

करीब दो माह से आलू और प्‍याज की कीमतों में बढ़ोतरी झेल रहे लोगों को कुछ हद तक राहत मिलेगी। थोक कारोबारियों के मुताबिक दोनों की नई फसल आने की वजह से कीमतों में कमी आई है। आने वाले दिनों में दाम और भी कम होंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 11:02 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 11:02 AM (IST)
हरी सब्जियों के बाद काबू में आया आलू-प्याज, पचास रुपये से नीचे आए दाम  Gorakhpur News
दो माह की तेजी के बाद आलू-प्‍याज के मूल्‍य में कमी आई है। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। हरी सब्जियों के बाद अब आलू व प्याज की कीमतें भी काबू में आने लगी है। आलू और प्याज की के दाम 50 रुपये किलो से नीचे पहुंच गया है। करीब दो माह से दोनों की कीमतों में बढ़ोतरी झेल रहे लोगों को कुछ हद तक राहत मिलेगी। थोक कारोबारियों के मुताबिक दोनों की नई फसल आने की वजह से कीमतों में कमी आई है। आने वाले दिनों में दाम और भी कम होंगे।

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मंडी में भरपूर आवक से कम हुए दाम

आलू और प्याज के अलावा महेवा मंडी में सब्जियों की भरपूर आवक हो रही है। इस कारण थोक मंडी में नए आलू की कीमत 42 रुपये से घटकर 36 तथा प्याज 50 रुपये किलो से घटकर 40 रुपये किलो के आसपास आ गई है। मंगलवार को फुटकर बाजार में आलू 40 से 45 और प्याज 45 से 48 रुपये किलो के बीच बिका जो बीते एक माह में सबसे न्यूनतम कीमत थी। 

हरी मटर छोड़ सारी सब्जियों के दामों में भारी गिरावट

थाेक कारोबारी शमशाद अहमद पप्पू का कहना है कि आलू व प्याज की आवक ज्यादा होेने के कारण दोनों के दाम में गिरावट आई है। आलू की भरपूर पैदावार हुई है इसलिए फिलहाल दाम बढ़ने के कोई आसार नहीं है। दूसरी तरफ हरी मटर को छोड़ सारी सब्जियों के दामों में भारी गिरावट आई है। आवक और मांग में बड़ा अंतर होने के चलते अमृतसर से आने वाला मटर 100 से लेकर 120 रुपये किलो तक बिक रहा है। लग्न का असर भी मटर की कीमतों पर पड़ा है। 

फुटकर में हरी सब्जियों के दाम

फुटकर में गोभी 15 से 20, साग 20 से 26, बैंगन 20 से 30, फूल गोभी 25 से 36, धनिया की पत्ती 40, मूली 10 और हरी मिर्च 50 रुपये किलो की दर से बिक रही है। आढ़ती प्रमोद कुमार ने बताया कि परवल और टमाटर को छोड़ बाकी सब्जियों के दामों में काफी कमी आई है। अगर थोक मंडी से तुलना की जाए तो फुटकर में अब भी सब्जियां महंगी है। बहुत से सब्जी विक्रता दोगुने से ज्यादा मुनाफा वसूल रहे हैं।


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