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बारिश से आलू व सरसों प्रभावित, गेहूं की फसल को होगा लाभ

दो द‍िन की बार‍िश ने आलू और सरसों की फसल को काफी क्षत‍ि पहुंचाई है लेक‍िन इससे गेहूं की फसल को लाभ होगा। गोरखपुर में साढ़े चार हजार एकड़ आलू में कहीं-कहीं झुलसा का प्रभाव है। ऐसे में यह बार‍िश आलू की फसल को काफी नुकसान पहुंचाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 10:05 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 10:05 AM (IST)
बारिश से आलू व सरसों प्रभावित, गेहूं की फसल को होगा लाभ
बरसात के कारण आलू व सरसों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पिछले कई दिनों की हुई हल्की बारिश का गेहूं का अच्छा लाभ मिलेगा, लेकिन आलू व सरसों की फसल के इससे प्रभावित होने की आशंका है। कृषि विभाग ने अपने सहायकों के जरिये प्रभावित फसल की सूचना मांगी। साथ ही यह भी कहा है कि फसल में कहीं पर भी यदि रोग दिखे तो रसायनों का छिड़काव अवश्य करें।

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तीन हजार एकड़ सरसों की माहों से हो सकता है प्रभावित

गोरखपुर जिले में करीब 13 हजार एकड़ में आलू की खेती होती है। इसमें आलू की अगैती खेती करने वाले किसान बाजार में आलू की बिक्री भी कर रहे हैं। मध्यम व पछैती खेती करने वाले किसानों को थोड़ा नुकसान हो सकता है। खजनी, बड़हलगंज व गोला क्षेत्र में आलू में झुलसा रोग का कहीं-कहीं प्रभाव देखने को मिल रहा है। यही स्थिति पिपराइच व पीपीगंज क्षेत्र में भी है। ऐसे ही पीपीगंज, कैंपियरगंज, बेलीपार क्षेत्र में सरसों में माहों भी लगने शुरू हो गए हैं। जिले में करीब 11 हजार एकड़ सरसों की फसल बोयी गई है।

बारिश से गेहूं को अच्छा लाभ मिलेगा

उप कृषि निदेशक संजय सिंह ने कहा कि जिले के 90 प्रतिशत कृषि क्षेत्रफल में गेहूं की फसल बोई जाती है। बारिश से गेहूं को अच्छा लाभ मिलेगा। आलू व सरसों की फसल थोड़ी प्रभावित हो सकती है। कुछ स्थानों पर आलू में झुलसा रोग का प्रकोप देखा जा रहा है। लेकिन अभी समय है आलू पर मैंगो जेब कार्बेंडा जिम का छिड़काव करके उसे सुरक्षित किया जा सकता है।

झुलसा रोग से प्रभावित हो सकता है साढ़े चार हजार एकड़ आलू

ध्यान न देने पर करीब साढ़े चार हजार एकड़ आलू की फसल प्रभावित हो सकती है। साढ़े चार हजार एकड़ आलू में कहीं-कहीं झुलसा का प्रभाव देखा जा रहा है। ऐसे में किसान समय रहते बचाव कर सकते हैं। सरसों में माहों दिखने पर ही रसायन का छिड़काव करें।


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